कांके विधानसभा से कई बार विधायक रहे रामचंद्र बैठा का ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया है। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। प्रदेश की राजनीति में रामचंद्र बैठा का बड़ा कद था। उनके निधन पर तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। बताया जाता है कि आज गुरुवार सुबह ह्दय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। रांची रिंग रोड स्थित सुकुरहुट्टू मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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कांके विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे रामचंद्र बैठा का बुधवार रात्रि 12.40 बजे हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे। उन्होंने कांके विधानसभा सुरक्षित सीट से भाजपा के टिकट पर 1990, 1995, 2005 एवं 2009 में चुनाव जीत था। 2019 के चुनाव में भाजपा से समरीलाल को टिकट दिया गया था। लेकिन समरीलाल के जाति प्रमाण की शिकायत की याचिका को चुनाव आयोग में दिए जाने पर भाजपा ने विकल्प के तौर पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रामचंद्र बैठ का पर्चा भरवाया था। बाद में इन्होंने नाम वापस ले लिया था। इनके निधन से भाजपा कार्यकताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी मिलते ही लोगों के उनके आवास में पंहुचने का सिलसिला जारी है। अंतिम संस्कार सुकुरहुटु रिंग रोड स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा।
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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रामचंद्र बैठा के निधन पर कहा है कि कांके के पूर्व विधायक रामचंद्र बैठा जी के निधन की दुखद सूचना मिली। उनके निधन से भाजपा ने एक समर्पित कार्यकर्ता खो दिया है। वे सदा जनहित के कार्यों में सक्रिय रहते थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।
कांके विधानसभा क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व करने वाले रामचंद्र बैठा जी के निधन की खबर से मन व्यथित है। सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले रामचंद्र बैठा जी बिहार विधानसभा से झारखंड विधानसभा तक सहयोगी रहे हैं। उनका इस तरह चले जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है।- रांची विधायक सीपी सिंह