Skip to content

झारखण्ड नक्सलवाद से मुक्त तो फिर पांच चरणों में चुनाव क्यों??

झारखण्ड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चढ़ चुकी है. भाजपा लेकर कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम, राजद, आजसू सहित अन्य दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार चुकी है. भाजपा के स्टार प्रचारक और देश के गृह मंत्री अमित शाह झारखण्ड में अपने प्रचार अभियान शुरुआत लातेहार मानिक से कर चुके है. गृह मंत्री अमित शाह ने लातेहार में अपने पार्टी के प्रतियाशिओ के लिए वोट माँगा जहां उन्होंने कहा की बार फिर झारखण्ड जनता हमें पूर्ण बहुमत की सरकार दे ताकि हम फिर से झारखंड में विकास की रफ़्तार को तेजी से बढ़ा सके.

इन सब के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में कहा की झारखंड हमेशा नक्सलवाद की समस्या से जूझता रहा लेकिन कांग्रेस और जेएमएम की सरकार ने कभी नक्सलवाद पर लगाम नहीं लगा सकी. 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड जनता ने भाजपा पर भरोसा किया और रघुवर दास की सरक़ार ने नक्सलवाद की गतिविधिओ पर नकेल कसना शुरू कर दिया। पांच साल में रघुवर दास की सरकार ने सबसे बड़ा काम झारखंड को नक्सलवाद मुक्त करने का किया है. आगे उन्होंने कहा की जो सरकार कानून व्यवस्था को ठीक नहीं कर सकती वो सरकार कभी भी राज्य में विकास नहीं कर सकती है.

इन सब बीच सवाल ये उठता है की क्या वाक्य झारखण्ड नक्सलवाद से मुक्त हो गया है??

झारखंड 2019 विधानसभा चुनाव की घोषणा के वक़्त चुनाव आयोग ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये कहा था की झारखण्ड के 24 जिलों में से 19 जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र है इसलिए विधानसभा के चुनाव पांच चरणों में होंगे। जिसे लेकर विपक्षी दल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सवाल उठाये थे. और कहा था की रघुवर दास और भाजपा कहती है की झारखण्ड नक्सलवाद से मुक्त हो गया है लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी बात झूठा साबित कर दिया है. लातेहार की सभा में अमित शाह ने भी यही बात दोहराई की झारखण्ड रघुवर दास की सरकार में नक्सलवाद से मुक्त हुआ जिसे सुन लोग सोशल मीडिया पर शाह ट्रोल करने लगे और सवाल करने लगे की जब झारखण्ड नक्सलवाद से मुक्त हो गया तो फिर चुनाव पांच चरण में क्यों रहे है.