Jharkhand News: निर्धारित उम्र से पहले बच्चे व बच्चियों की शादी से जहां इनका बचपन तो खो जाता है, साथ ही पढ़ाई भी छूट जाती है। नतीजा बाल विवाह को बढ़ावा मिलता है। बाल विवाह करना कानूनन अपराध है, इसके बावजूद झारखंड में बाल विवाह की घटनाएं होती रही है। सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस और मजबूती से ध्यान है। बाल विवाह को जड़ से मिटाने और बच्चियों की शिक्षा और विवाह में आर्थिक मदद देने से उनकी सरकार कई योजना तो चला ही रही हैं, साथ ही मुखबिर योजना से भी लोगों में डर बना कर रखे हैं। लेकिन इन सबसे अलग पहली बार राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग सहित 11 अधिकारियों को बाल विवाह रोकने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। राज्य के सभी जिलों के प्रखंडो में राज्य व्यापी बाल विवाह से आजादी अभियान से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है।
Jharkhand News: बाल विवाह रोकने के लिए अब एक नहीं कई अधिकारी जिम्मेदार।
बाल विवाह जैसी कुरीति की रोकथाम के लिए एक अहम कदम उठाते हुए सोरेन सरकार ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, महिला पर्यवेक्षिका, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सीओ, बाल विकास परियोजना अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, उपायुक्त, प्रमंडलीय आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में नामित किया है। इससे पहले केवल, बाल विकास पदाधिकारी ही इस कार्य में लगाए जाते थे। समाज कल्याण विभाग के निदेशक अब पूरे राज्य में बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में बाल विवाह के खिलाफ कार्य करते हैं।
Jharkhand News: डर के लिए मुखबिर योजना, व्यक्तिगत सहित पंचायत को किया जाता है प्रोत्साहित।
हेमंत सोरेन सरकार मुखबिर योजना (इनफॉर्मेशन योजना) चला रही है। योजना के तहत, जो लोग अधिकारियों को बाल विवाह योजना के बारे में जानकारी देते हैं और सरकारी जासूस बनते है उन्हें 1000 रुपये का नकद इनाम मिलता है। इसी तरह राज्य में किसी भी गांव पंचायत जिसमें एक वर्ष की पूरी अवधि के लिए बाल विवाह के मामलों की कोई रिपोर्ट नहीं है, उसे 50,000 रुपये का इनाम मिलता है।
इस पहल का असर है कि पिछले अप्रैल माह में गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरियारपुर गांव में बाल विवाह की तैयारी की एक सूचना अधिकारियो को मिली थी। सूचना मिलने पर बीडीओ, थाना के एएसआई समेत अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाल विवाह को रोकवा दिया। इससे एक मासूम बालिका वधू बनने से बच गयी।
Jharkhand News: कई योजनाओं से भी सोरेन सरकार बच्चियों को शिक्षा और विवाह में पहुंचा रही आर्थिक मदद।
सख्ती दिखाने के साथ हेमंत सोरेन सरकार में कई योजनाओं से भी बच्चियों को शिक्षा और विवाह में आर्थिक मदद पहुंच रही है।
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2021 : योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों को 18 वर्ष की आयु के बाद विवाह करने पर सरकार 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बालिकाओं के लिए है।
- सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना (एसपीकेएसवाई) : इसके तहत राज्य में नौ लाख किशोरियों की शिक्षा को सुगम बनाना है। योजना के तहत 8वीं एवं 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लाभार्थी लड़कियों को 2500 रुपए और 10वीं, 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाली को 5000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती हैं।
CM Hemant Soren: मुख्यमंत्री से लगाएं गुहार, भाई साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री व्यक्तिगत तौर पर वैसी बच्चियां जो पढ़ना चाहती है और इसके लिए सरकार से मदद चाहती है, के गुहार लगा पर मदद पहुंचा रहे हैं। बीते साल दिसंबर माह में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में गढ़वा के तिलदाग पंचायत की बेबी कुमारी ने सीएम से मदद की गुहार लगाई.श। छात्रा ने कहा कि वह पढ़ना चाहती है, उसे मदद की दरकार है।इसके बाद 48 घंटे में छात्रा और उसके पूरे परिवार को कई सरकारी योजनाओं का लाभ दे दिया गया। वहीं सीएम ने भी ट्वीट कर लिखा – आप खूब पढ़ो, आगे बढ़ो बहन. आपका भाई आपके साथ है।