
Jharkhand News: Ranchi- खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा धान अधिप्राप्ति में कथित अनियमितता को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में पूरी तरह राजनीतिक रूप से हताश, दिशाहीन और जनाधार-विहीन हो चुकी है, और इसी बौखलाहट में उसके नेता तथ्यहीन आरोप लगाकर सुर्खियों में बने रहने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. अंसारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं है। यह पूरी व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी, जवाबदेह और किसानों के हित में संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं इस विभाग का मंत्री हूँ और लगातार किसानों से सीधे संवाद में हूँ। भाजपा नेताओं के पास कोई तथ्य नहीं, केवल भ्रम और आरोपों की राजनीति है।”
उन्होंने कहा कि धान अधिप्राप्ति की शुरुआत हुए अभी एक ही दिन हुआ है, और भाजपा को घोटाला दिखाई देने लगा—यह उनकी घबराहट, राजनीतिक दिवालियापन और असफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है। केवल पत्र लिखकर और बयान देकर लाइमलाइट में बने रहने की यह राजनीति अब जनता भली-भांति समझ चुकी है।
डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि धान अधिप्राप्ति की शुरुआत के अवसर पर सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन भाजपा का कोई भी नेता किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों का मनोबल बढ़ाने नहीं पहुँचा। “भाजपा ने हमेशा किसानों को सिर्फ राजनीति का औजार माना है, उनके हितों के लिए कभी ज़मीन पर खड़े होकर काम नहीं किया,” उन्होंने जोड़ा।
उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता अब भाजपा की जनविरोधी सोच, खोखली नीतियों और झूठे आरोपों को पूरी तरह पहचान चुकी है। यदि भाजपा इसी तरह गैर-जिम्मेदाराना बयानबाज़ी करती रही, तो वह जनता की नज़रों में एक गंभीर राजनीतिक दल नहीं, बल्कि हास्य का विषय बनकर रह जाएगी।
अंत में डॉ. इरफान अंसारी ने बाबूलाल मरांडी से अपेक्षा की कि वे संवैधानिक पद की गरिमा, नैतिक जिम्मेदारी और राजनीतिक मर्यादा को समझें और झूठे आरोपों की राजनीति से परहेज़ करें।
झारखंड सरकार किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी- यह संकल्प अटल है।
