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Jharkhand News: झारखंड के 65 हज़ार पारा शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी, मर गए तो आश्रितों को मिलेगी नौकरी

Jharkhand News: CM हेमंत सोरेन की अगुआई वाली झारखंड सरकार राज्‍य के 65000 पारा शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी देने जा रही है। किसी पारा शिक्षक के सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर उसके आश्रित को उसकी योग्यता के अनुसार अनुकंपा पर नौकरी मिलेगी। यह नौकरी समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न पदों पर ही अनुबंध पर हो सकेगी। इसके लिए सहायक अध्यापक नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली में संशोधन किया जाएगा।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश पदाधिकारियों को दिए हैं। वर्तमान नियमावली में प्रविधान है कि पारा शिक्षक की मृत्यु होने पर आश्रित को पारा शिक्षक के पद पर ही अनुकंपा पर नौकरी मिलेगी। इसके लिए उसे पारा शिक्षक की योग्यता रखना अनिवार्य होगा। यह शर्त के कारण पारा शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। नियमावली गठित होने के बाद लगभग 50 पारा शिक्षकों का निधन हुआ है। लेकिन शर्त के अनुसार योग्यता नहीं होने के कारण किसी आश्रित को नौकरी नहीं मिल पाई।

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बता दें कि, झारखंड बनने के बाद से पारा शिक्षकों के लिए कोई नियमावली नहीं थी साथ ही पारा शिक्षकों के द्वारा लगातार स्थाई करने की मांग की जा रही थी. पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान राज्य स्थापना दिन उन्हें पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी थी. उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास थे और राज्य में भाजपा की सरकार थी. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही पारा शिक्षक उम्मीद लगा कर बैठे थे की सरकार ठोस निर्णय लेगी और हुआ भी ठीक वैसा ही, राज्य गठन के 22 साल के बाद पारा शिक्षकों की नियमवाली बनी और अब उन्हें हर वह सुविधा देने के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है जिसकी उन्हें जरुरत है.

नियमवाली में संशोधन के बाद मिल सकेगी नौकरी:

नियमावली में संशोधन होने के बाद आश्रित को आवश्यक योग्यता रखने पर किसी दूसरे पद पर भी अनुबंध पर बहाल किया जा सकेगा। हालांकि नियमावली में संशोधन के लिए वित्त विभाग, कार्मिक विभाग, विधि विभाग तथा कैबिनेट की स्वीकृति लेनी होगी। इधर, मंत्री ने पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि कल्याण कोष गठन की प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक अनिवार्य तक पूरी कर ली जाए।

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