Jharkhand News: झारखंड सरकार ने लाह की खेती को कृषि का दर्जा दे दिया है। इससे राज्य के चार लाख परिवारों का लाभ होगा। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक में कुल 20 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। लाह की खेती वनों में रहने वाले लोगों के साथ छोटे किसानों के लिए आय का एक उत्तम स्त्रत्तेत है। लगभग 30 पौधों पर लाह की खेती की जा सकती है। इसमें पलाश, कुसम व बैर मुख्य हैं।
Jharkhand News: झारखंड में प्रतिवर्ष 10 हजार मीट्रिक टन लाह का होता है उत्पादन
लाह की खेती से किसानों की आय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिलता है। झारखंड में प्रतिवर्ष 10 हजार मीट्रिक टन लाह का उत्पादन होता है। राज्य के लगभग चार लाख परिवार इससे जुड़े हैं। झारखंड में रांची, सिमडेगा, खूंटी, गुमला, प. सिंहभूम, पलामू, गढ़वा, सरायकेला-खरसावां व लातेहार में लाह का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।
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