ऐसे में राज्य सरकार द्वारा खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति को 9वीं अनुसूची में शामिल कराने की बात करना अपनी जिम्मेवारियों से भागने जैसा है। दीपक ने लिखा कि भाजपा राज्यहित में जनभावनाओं के अनुरूप सरकार को सहयोग करने के लिए साथ खड़ी है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। यह सवाल किसी सरकार की हार और जीत से भी जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि इसमें राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का हित जुड़ा हुआ है।
Jharkhand Niyojan Niti: भाजपा का पत्र- नियोजन नीति पहले भी हुई हैं रद्द, रघुवर का नियोजन नीति बेहतर
दीपक प्रकाश ने लिखा है कि झारखंड की पहली सरकार ने बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में वर्ष 2001 में खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को लागू किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने निरस्त करते हुए समीक्षा के निर्देश दिए थे। बाद में निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में नियोजन नीति बनाई गई, जो आपकी सरकार के द्वारा निरस्त किए जाने तक लागू रही। हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा कि आपकी सरकार के द्वारा वर्ष 2021 में लाई गई विसंगतियों से परिपूर्ण नियोजन नीति को विगत 16 दिसंबर 2022 को झारखंड उच्च न्यायालय ने एकबार फिर रद्द कर दिया।