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Jharkhand Niyojan Niti: 9वीं अनुसूची में भी कोर्ट कर सकता है टिप्पणी, दीपक प्रकाश का झारखंड विरोधी बयान !

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Jharkhand Niyojan Niti: 9वीं अनुसूची में भी कोर्ट कर सकता है टिप्पणी, दीपक प्रकाश का झारखंड विरोधी बयान ! 1

Jharkhand Niyojan Niti: झारखंड विधानसभा से पारित स्थानीयता व नियोजन नीति को नौंवी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राज्यपाल से मिलने जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से भाजपा ने दूरी बनाए रखी। इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

दीपक ने सीएम को संबोधित पत्र में लिखा है कि राज्य की नियोजन नीति न्यायालय के विचाराधीन है। ऐसी परिस्थितियों में राज्य के बेरोजगार युवाओं का भविष्य चौराहे पर खड़ा है। इधर, आपने विधानसभा से पारित 1932 के खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को 9वीं अनुसूची में शामिल कराने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2007 में आई आर कोएल्हो मामले में यह स्पष्ट किया गया है कि 9वीं अनुसूची में शामिल विषयों की भी समीक्षा हो सकती है।

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ऐसे में राज्य सरकार द्वारा खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति को 9वीं अनुसूची में शामिल कराने की बात करना अपनी जिम्मेवारियों से भागने जैसा है। दीपक ने लिखा कि भाजपा राज्यहित में जनभावनाओं के अनुरूप सरकार को सहयोग करने के लिए साथ खड़ी है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। यह सवाल किसी सरकार की हार और जीत से भी जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि इसमें राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का हित जुड़ा हुआ है।

Jharkhand Niyojan Niti: भाजपा का पत्र- नियोजन नीति पहले भी हुई हैं रद्द, रघुवर का नियोजन नीति बेहतर

दीपक प्रकाश ने लिखा है कि झारखंड की पहली सरकार ने बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में वर्ष 2001 में खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को लागू किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने निरस्त करते हुए समीक्षा के निर्देश दिए थे। बाद में निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में नियोजन नीति बनाई गई, जो आपकी सरकार के द्वारा निरस्त किए जाने तक लागू रही। हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा कि आपकी सरकार के द्वारा वर्ष 2021 में लाई गई विसंगतियों से परिपूर्ण नियोजन नीति को विगत 16 दिसंबर 2022 को झारखंड उच्च न्यायालय ने एकबार फिर रद्द कर दिया।