किसान पाठशाला: झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के सबसे आन्दोलनकारी राजनितिक हस्ती सह राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के समृद्ध किसान के सपने को पूरा करने में लगे हुए है. कुछ दिनों पहले ही सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के 26 पशु चिकित्सकों और 7 कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया है.
दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने राज्य के किसानों की हालात को लेकर अपने भाषणों में जिक्र किया करते थे कि, जब तक झारखण्ड के किसान समृद्ध नहीं होंगे तब तक हम बेहतर समाज कि कल्पना नहीं कर सकते है. किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत और समृद्ध करके ही हम गाँवों को मजबूत कर सकते है तभी हमारा झारखण्ड सशक्त हो पायेगा.
सीएम हेमंत सोरन भी अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नक़्शे कदम पर चलते हुए किसानों कि मजबूत पर तेज़ी से काम कर रहे है. सीएम कहते है की कृषि सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि मानव व्यवस्था को भी मजबूत करती है। विशेषकर, झारखंड जैसे राज्य की “आत्मा” कृषि में बसती है , क्योंकि यहां की 70 प्रतिशत आबादी कृषि और पशुधन से जुड़ी है। ऐसे में सरकार का कृषि और किसानों के विकास पर विशेष फोकस रहा है। किसानों- पशुपालकों के स्वावलंबी, सशक्तीकरण और आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को उन्नत कृषि और कृषि कार्य के आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
किसान पाठशाला: 17 एजेंसियों के साथ एमओयू, 26 पशु चिकित्सकों को मिला नियुक्ति पत्र
झारखण्ड सरकार के कृषि विभाग ने एक कार्यक्रम अयोज्जित कर 26 पशु चिकित्सको कि नियुक्ति कि गयी है साथ ही 17 एजेंसियों के साथ समझौता भी हुआ है ताकि किसानों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके. मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किसान पाठशाला के लिए 17 सूचीबद्ध कार्यकारी एजेंसियों और पशुधन आपूर्तिकर्ताओं के साथ एमओयू हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 26 पशु चिकित्सकों और 7 कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को दिए जाने वाले पशुओं का भी इंश्योरेंस कराया जाएगा। ताकि, किन्ही वजहों से मवेशियों की मौत होने पर किसानों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समृद्ध किसानों -पशुपालकों के पशुओं के इंश्योरेंस के लिए भी बैंकों से बातचीत की जाएगी।
झारखण्ड के इतिहास में पहली बार कृषि पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति, अब किसान पाठशाला के जरिए किसान होंगे समृद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 32 वर्षों के बाद कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसका मकसद कृषि से जुड़े कार्यों और खेती के लिए किसानों को सहयोग करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसान खेतिहर मजदूर बनते जा रहे हैं। ऐसे में किसानों को कृषि से जोड़े रखने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध करवा कर उन्हें और सशक्त करना है ताकि झारखण्ड खेती-किसानी में अन्य राज्य के बराबर में आ कर खड़ा हो सके और किसान भी आर्थिक रूप से मजबूत हो सके.