@MyReportwithTNK, Story: @Third_ankh
वासेपुर में तकरीबन 20 दिसंबर से CAA और NRC के खिलाफ मिल्लत कॉलोनी वासेपुर एसबीआई बैंक के पास कुछ लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रोटेस्ट कर रहे हैं पर अखबारों में कभी इसका जिक्र नहीं आया इसका जिक्र पहली बार कब हुआ जब कुछ युवा तकरीबन हजारों की तादाद में अपनी मांग को रखने के लिए वासेपुर के आरा मोर क्षेत्र से एक शांतिपूर्ण रैली निकालते हैं जो आरमोर से होते हुए भोली मां के रास्ते से पूजा टॉकीज से रणधीर वर्मा चौक तक गई या रैली बिल्कुल एक शांतिपुर रैली थी लोग इसमें सिर्फ CAA और NRC से आजादी की मांग रख रहे थे पर दूसरे दिन अखबारों में यह आया कि लोग इसमें आपत्तिजनक और उकसाने वाले नारे लगा रहे थे परंतु अखबारों में या स्पष्ट नहीं हुआ कि वह कौन सा आपत्तिजनक शब्द था जिसका जिक्र किया जा रहा है और साथ ही साथ यह भी एक घटना हो गई की प्रशासन ने रैली निकालने वाले के खिलाफ 3000 अज्ञात लोगों पर 11 धाराएं लगा दी।
![वासेपुर का प्रोटेस्ट CAA और NRC के विरोध में पत्रकारिता के नजरिए से 1 वासेपुर का प्रोटेस्ट CAA और NRC के विरोध में पत्रकारिता के नजरिए से 1]()
प्रशासन के द्वारा इसका कारण यह बताया जाता है कि यह रैली बिना अनुमति के निकाली गई थी जिसके कारण ये धाराएं लगाई गई है और बताया गया कि जिसके कारण लोगों को तकलीफ हुई शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर भरपूर नजर पड़ी पर वास्तव में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का आलम यह है कि आप किसी भी दिन इसका नजारा खुद देख सकते हैं। साथ ही साथ 7 नामजद लोगों पर भी केस हुआ है
उसी दिन शाम के वक्त एक और घटना हो गई जब लोग वासेपुर में धरना पर बैठे थे तभी दो गाड़ी जिनमें कुल चार लोग नशे की हालत में थे धरना स्थल पर नारा लगाने लगे जैसे कि “
जय श्री राम और मुस्लिम गद्दार यहां पर बैठे हुए हैं यह साले खाते यहां की हैं और गाते पाकिस्तान” की है जैसे शब्दों का उच्चारण करने लगे तब वहां के लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की परंतु वह रुके नहीं और तेज गति में गाड़ी को चलाते हुए भागने लगे फिर कुछ लोगों ने उन्हें आगे जाकर रोका और पूछा कि आप यह करना क्या चाह रहे थे क्या आप यहां पर माहौल खराब करने की इरादे से आए थे तो उन लोगों में से कुछ लोगों ने हाथापाई करना स्टार्ट कर दिया फिर वासेपुर के लोगों ने भी उन्हें मारा और पकड़ कर रखा वहां पर और पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया इतने में वहां के पार्षद जिनका नाम निसार आलम है उन लोगों को भगाकर भेज दिया जिसके कारण पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई ना कर सकी जिस का नतीजा यह हुआ की इसका वजह भी वासेपुर की लोग बने।
पत्रकारिता के यह रवैया देखकर वासेपुर के लोगों ने अब अपने धरने को अनिश्चितकालीन तक कर दिया जो पहले 22 जनवरी तक ही था इसका समर्थन भी मिला जिला के बहुजन मोर्चा संगठन से जिसका वासेपुर के लोगों ने तहे दिल से स्वागत किया |
इसी बीच खबर यह आएगी राज्य में हेमंत सोरेन की नई सरकार ने
राजद्रोह का मुकदमा जो अज्ञात 3000 लोगों पर किया गया था और शासन द्वारा उसे हटाने का फैसला लिया पर अब भी दस ऐसी धाराएं वासेपुर के लोगों पर लगी हुई है जिसका कोई भी बुनियाद नहीं है पर अभी भी ये धाराएं लोगों पर लगी हुई है और हेमंत सरकार द्वारा वासेपुर के लोगों पर से राजद्रोह की धाराएं को हटाने का खुले दिल से स्वागत किया गया है|
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लिए गए इस फैसले का धनबाद के सांसद पीएन सिंह और यहां के विधायक राज सिन्हा के द्वारा कड़ी निंदा की गई और राज सिन्हा नेता यहां तक कह दिया कि
इसका विरोध जो कर रहा है वह देश में रहने लायक नहीं है उन्हें देश छोड़कर चल जाना चाहिए जबकि उन्हें यह पता होना चाहिए की किसी भी कानून का विरोध करना या समर्थन करना नागरिकों का कर्तव्य है और यह संविधान हमें उसका अधिकार देता है परंतु यह बात बीजेपी के नेताओं को कौन समझाए उन्हें तो हर वो शख्स देशद्रोही नजर आता है जो उनका फैसला मानने से इंकार कर देता है, बीजेपी के लोगों को प्रजातंत्र और राजतंत्र का फर्क ही नहीं पता।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा लिए गए फैसले का विरोध प्रकट करने के लिए धनबाद के बीजेपी सांसद पीएन सिंह बीजेपी विधायक राज सिन्हा और बीजेपी के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने प्रदर्शन किया
और इस कानून के विरोध में निकाली जा रही रैली को असंवैधानिक भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बताया है।
भाजपा के कार्यकर्ता यहां तक कह रहे हैं कि जनता को गुमराह किया जा रहा है ये कानून से किसी को कोई नुकसान नहीं है इसका विरोध नहीं होना चाहिए अब यह बात भाजपा वालों को कौन बताएं किस कानून की पृष्ठभूमि हे संविधान के खिलाफ जाता है।
पर वह कुछ भी बोलिए जनता इतनी बेवकूफ नहीं है उन्होंने अपना विरोध जारी रखा और 20 जनवरी को संध्या के वक्त वासेपुर की महिलाओं द्वारा एक कैंडल मार्च निकाला गया जो शांतिपूर्ण था |
इसी बीच धनबाद जिले में संघ के परिचारक का भी एक सभा संबोधित हुआ। संघ की क्या विचारधारा रही है शुरू से इस पर बात करके समय जाया करना होगा तो इसको रहने देते हैं।
अब बात करते हैं 21 जनवरी की इस दिन तीन महत्वपूर्ण घटनाएं पहले यह के वासेपुर की महिलाओं ने देश में अमन और भाईचारे के लिए दुआ किया।
दूसरी घटना ये हुई के राज्य में शिशु पंजी के अपडेट के लिए सर्वे में दिक्कत आ रही है क्योंकि लोगों को ये डर सता रहा है कि कहीं इसके माध्यम से हमारा नाम एनआरपी यह एनआरसी में जोड़ा ना जाए जनता में इसी बात का डर है और इसे अपडेट करने में सरकारी विभाग को दिक्कत आ रही है क्योंकि लोग डरे हुए हैं क्योंकि सरकार अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है की एनपीआर और एनआरसी का आपस में लिंक है भी या नहीं? क्योंकि जनता ने देखा है कि देश के गृहमंत्री का कुछ और बयान है और प्रधानमंत्री का कुछ और लोगों में अभी भी यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि देश के कोई भी मंत्रालय इसे स्पष्ट करने में अभी तक नाकाम रहे हैं|
तीसरी घटना या हुई की धनबाद के भाजपा दल के नेता ने डीसी से मुलाकात कर ये ज्ञापन सौंपा की आप जिले में CAA और NRC के विरोध में कोई भी बिना इजाजत के रैली नहीं करनी चाहिए।
इसके फल स्वरूप प्रशासन द्वारा यह फैसला लिया गया कि अब जिले में किसी भी तरह का कोई भी रैली के लिए प्रशासन द्वारा कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
यहां पर ये उठते हैं कि क्या धनबाद जिले की प्रशासन भाजपा के दबाव में आकर काम कर रही है? और जिले के पत्रकारिता किस दबाव में है उनमें निष्पक्षता क्यों नहीं दिखती?
