Koderma: श्री दिगंबर जैन समाज झुमरी तिलैया के द्वारा मौन जुलूस निकाला गया और भारत सरकार के एक फैसले का विरोध किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए. जैन समाज के पदाधिकारियों की टीम ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वन मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री झारखंड हेमंत सोरेन के नाम इस निर्णय को वापस लेने के लिए मेमोरेंडम उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से भेजा हैं.
दरअसल, भारत सरकार के द्वारा सम्मेद शिखर पारसनाथ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध हो रहा है. राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता समाजसेवी सुरेश झांझरी ने कहा कि सम्मेद शिखर पारसनाथ पूरे भारतवर्ष के करोड़ों जैन धर्मावलंबियों का श्रद्धा और आस्था का सर्वोच्च तीर्थ स्थल है. यहां से जैन धर्म के 20 तीर्थंकर मोक्ष में गए. सरकार के द्वारा हमारे तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना, किसी भी रूप में मान्य नहीं है. पूरे विश्वभर का जैन समाज इसका विरोध करता है.
Koderma: जैन समाज की आस्था के खिलवाड़ ना करें केंद्र सरकार
जैन समाज के मंत्री ललित सेठी और पार्षद पिंकी जैन ने कहा कि सम्मेद शिखर पारसनाथ को मौज मस्ती और पर्यटन का क्षेत्र बनाना जैन धर्मावलंबियों के आस्था और श्रद्धा के साथ खिलवाड़ है. पूरे भारतवर्ष और विदेशों से जैन धर्म के लाखों श्रद्धालु यहां प्रतिवर्ष तीर्थ दर्शन के लिए आते हैं. यहां की भूमि का कण-कण पूजनीय है. पूरे भारतवर्ष के जैन धर्म के लोग भारत सरकार से निवेदन करते हैं कि अपना यह निर्णय वापस ले.
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