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Koderma News : जंगलों की रक्षा के संकल्प के साथ सिमरकुंडी जंगल में रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित

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Koderma News : पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर उपायुक्त, पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने दिया वन एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Koderma News : कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड स्थित सिमरकुंडी जंगल में वन विभाग के सहयोग से आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम के माध्यम से जंगलों की सुरक्षा, संवर्धन और सामुदायिक भागीदारी का मजबूत संदेश दिया गया।
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Koderma News : जंगलों के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से Koderma जिले के मरकच्चो प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव सिमरकुंडी जंगल में रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वन विभाग के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में उपायुक्त ऋतुराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि वन प्रमंडल पदाधिकारी सौमित्र शुक्ला विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य परंपरा और पर्यावरण को जोड़ते हुए समाज में वनों के प्रति संरक्षण की भावना को मजबूत करना था।

कार्यक्रम के दौरान जंगल के मध्य निर्मित वेदी पर ग्रामीणों द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद उपस्थित सभी लोगों ने जंगलों की रक्षा का सामूहिक संकल्प लिया। इस अवसर पर Koderma उपायुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी हुलास महतो, पर्यावरणविद् डॉ. मनोज कुमार, श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर यह संदेश दिया कि जैसे बहन भाई की रक्षा के लिए राखी बांधती है, वैसे ही समाज का दायित्व है कि वह प्रकृति और वनों की रक्षा करे।

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ग्रामीणों से संवाद करते हुए Koderma उपायुक्त ऋतुराज ने कहा कि “आप सभी के इस संकल्प से निश्चित रूप से जंगल सुरक्षित और संरक्षित रहेंगे। यदि हम हर वर्ष रक्षाबंधन को पेड़-पौधों के साथ मनाएं और उन्हें बचाने का प्रण लें, तो इसका सकारात्मक प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक जाएगा।” उन्होंने अधिक से अधिक पौधारोपण करने, अवैध कटाई रोकने और वन संपदा की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।

वन प्रमंडल पदाधिकारी सौमित्र शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि वनों की कटाई रोकने के लिए केवल कानून पर्याप्त नहीं है, बल्कि लोगों में जंगलों के प्रति अपनापन और जिम्मेदारी की भावना का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज और प्रकृति के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत करते हैं, जिससे वनों की सुरक्षा के प्रयास अधिक प्रभावी बनते हैं।

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पर्यावरणविद् डॉ. मनोज कुमार और श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह ने ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि जंगल न केवल ऑक्सीजन का स्रोत हैं, बल्कि जल संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे प्रकृति संरक्षण को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।

कार्यक्रम में वन विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में जंगलों की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया। सिमरकुंडी जंगल में आयोजित यह रक्षाबंधन कार्यक्रम न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन रहा, बल्कि यह संदेश भी देता है कि परंपरा के साथ जुड़कर पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन बनाया जा सकता है।