Koderma: माननीय राज्यपाल सी०पी० राधाकृष्णन ने कहा कि सैनिक स्कूल तिलैया का गौरवशाली इतिहास रहा है एवं राष्ट्र निर्माण में इस संस्थान का अहम योगदान है। 1963 में स्थापित यह विद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहाँ के कई छात्रों ने सैन्य, सिविल सेवा, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, उद्यमिता के अतिरिक्त खेल, फिल्म निर्माण में अपनी अमिट पहचान स्थापित की है। राज्यपाल महोदय आज सैनिक स्कूल तिलैया के ‘’हीरक जयंती समारोह’’ को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल महोदय ने कहा कि विद्यालय द्वारा छात्रों को सदैव अपने कर्तव्य व जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु प्रेरित किया जाता है। उन्हें न केवल व्यक्तिगत जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने की सीख दी जाती है, बल्कि राष्ट्र हित में योगदान देने के लिए सक्रिय रहने का संदेश दिया जाता है। इस विद्यालय द्वारा छात्रों को अनुशासन, साहस एवं राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहने हेतु प्रेरित करना सराहनीय है, ये मूल्य न केवल विद्यालय परिसर तक ही सीमित हैं, बल्कि पूर्ववर्ती छात्रों के जीवन में भी परिलक्षित हैं, जिन्होंने समाजहित में अहम योगदान दिया है। राज्यपाल महोदय ने विद्यार्थियों से कहा कि इस विद्यालय में अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां जो मूल्य अपनाएंगे व ज्ञान अर्जित करेंगे, वही आपके भविष्य को दिशा प्रदान करेगा। किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं व प्रतिकूल परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप भाग्यशाली हैं कि एक छात्र के रूप में आपको इस प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। आपके माता-पिता एवं समाज को आपसे बहुत अपेक्षाएँ हैं। आप अपने ज्ञान, चरित्र और व्यवहार से समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करें। उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि यह संस्थान भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने समस्त सैनिक स्कूल तिलैया परिवार को हीरक जयंती पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई देते हुए शिक्षकों व कर्मियों से कहा कि राष्ट्र-निर्माण में आपका योगदान अमूल्य है।