Koderma: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री एवं कोडरमा संसदीय क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विकास की एक बड़ी लकीर खींची है, विश्व में भारत का मस्तक ऊंचा किया है, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त – निर्णायक कार्रवाई की है और आज़ादी के बाद से लंबे समय तक काबिज रहे कांग्रेस और उसके साथियों की गलतियां उजागर करते हुए उन्हें सुधारा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई कार्रवाई में ज्यादातर कांग्रेस, राजद और झामुमो के शीर्ष नेता पकड़े गए। अब आम चुनाव के दौरान अपनी चोरी की सजा से बचने, लूटकर इकट्ठा की गई संपत्ति बचाने और अपनी ऐतिहासिक गलतियों पर परदा डालने के लिए सारे चोर इकट्ठा हो गए हैं। इन्होंने अपने बचाव और भाजपा के ऊपर हमले के लिए झूठ को हथियार बना रखा है। झुमरीतिलैया नगर पर्षद क्षेत्र की इंदरवा, तिलैया बस्ती, नवादा बस्ती आदि बस्तियों में जन संपर्क के क्रम में अन्नपूर्णा देवी ने बातें कहीं।
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखण्ड की हेमन्त सोरेन की सरकार ने पत्थर, बालू और ढ़िबरा को लूट का जरिया बनाया और इसके लिए गरीबों के रोजी रोजगार पर डाका डाला। ढिबरा, बालू, पत्थर ये सभी राज्य सरकार के नियंत्रण में हैं। एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने ढिबरा चुनने – बेचने पर रोक लगाई है। मैं ऐसा कहनेवालों को इससे संबंधित पत्र या दस्तावेज सार्वजनिक करने की चुनौती देती हूं।
उन्होंने कहा कि भाकपा माले और इंडी गठबंधन के लोगों को बताना चाहिए कि ढिबरा,बालू का कारोबार बंद होने के बावजूद इसका अवैध कारोबार हो रहा है या नहीं, इस अवैध कारोबार का सरगना इंडी गठबंधन और माले से जुड़ा हुआ है या नहीं और इस अवैध कारोबार को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है या नहीं।
भाकपा माले में यह बताने का नैतिक साहस भी नहीं कि राज्य सरकार किस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा भेजे जा रहे गरीब कल्याण अन्न योजना को लूट रही है और यह लूट सबसे ज्यादा वहां है, जहां का विधायक इनका उम्मीदवार है। मैने गरीबों के निवाले पर डाका डालनेवालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभिन्न स्तरों पर शिकायत की, पत्र लिखे, तब कहीं जांच और गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई। दूसरी तरफ, भाकपा माले सड़क पर आंदोलन की नौटंकी करता रहा और इस पार्टी के विधायक सहित सभी स्तर के जन प्रतिनिधि गरीबों के अनाज की लूट में अपना अपना हिस्सा लेते रहे।
भाकपा माले और इंडी गठबंधन में यह बताने का नैतिक साहस भी नहीं है कि ज्यादातर विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार सिर्फ धन मुहैया कराती है लेकिन योजनाओं का चयन और क्रियान्वयन राज्य सरकार के हाथ में है। फिर, तीन गुना पैसा केंद्र द्वारा भेजे जाने के बाद भी हर घर नल से जल योजना की खराब स्थिति के लिए भाकपा माले सहित इंडी गठबंधन के विधायक और राज्य सरकार जिम्मेवार क्यों नहीं? करमा मेडिकल कॉलेज का निर्माण भले ही मोदी सरकार के पैसे से हो रहा हो लेकिन निर्माण कार्य तो राज्य सरकार के उपक्रम भवन निर्माण निगम के पास है, फिर भाकपा माले और इंडी गठबंधन के नेता ये बोलने में क्यों डरते हैं कि इसके निर्माण में हुई देर के लिए हेमंत सोरेन की सरकार जिम्मेवार है।
भाकपा माले के नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन ईडी द्वारा करोड़ों की बरामदगी के बारे में बोलने की इनकी हिम्मत नहीं क्योंकि इन्हें पता है कि अगर इनका मुंह खुला तो बंधे बंधाए कमीशन और लूट में हिस्सेदारी से हाथ धोना पड़ेगा।
ऐसे और भी कई उदाहरण हैं जिनके जरिए जनता समझ चुकी है कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ साजिश कर रही भाकपा माले के पास केवल और केवल झूठ का हथियार है और ईमानदारी, नैतिकता, पारदर्शिता का ढोंग करनेवाला भाकपा माले दरअसल चोरों का यार है।
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