Koderma: कोडरमा जिले के डोमचांच थाना क्षेत्र के महथाडीह गांव निवासी नगमा प्रवीण (उम्र 19 वर्ष), पति स्वर्गीय मोहम्मद जावेद, ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एक लिखित आवेदन सौंपा है, जिसमें उन्होंने अपने ससुरालवालों और दो अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नगमा ने पति की मौत को संदिग्ध बताते हुए साजिश और प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
पीड़िता नगमा ने आवेदन में बताया कि उसका निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से दिनांक 16 नवम्बर 2024 को हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ही उसके पति मोहम्मद जावेद को शाहबुद्दीन अंसारी पिता- उल्फत मियां, बगरीडीह डोमचांच निवासी द्वारा काम दिलाने के नाम पर अनवर खान, केवला बरही निवासी से संपर्क कराया गया। अनवर खान से बातचीत के बाद, नगमा के पति आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस लेकर ग्लोविस कंपनी, चेन्नई में काम करने चले गए। वहीं, काम के दौरान 26 मई 2025 को उनकी मौत हो गई। नगमा के अनुसार, कंपनी द्वारा कोई ऐसा दस्तावेज नहीं दिया गया जिससे यह प्रमाणित हो सके कि उनके पति वहां काम करते थे। साथ ही कंपनी द्वारा करवाए गए इंश्योरेंस से संबंधित कोई भी दस्तावेज भी परिवार को नहीं सौंपा गया।
पीड़िता ने बताया कि मृतक जावेद ने खुद ही बताया था कि कंपनी ने इंश्योरेंस से जुड़े कागजात नहीं दिए हैं। नगमा को आशंका है कि उसके पति की मौत सामान्य नहीं थी, बल्कि हत्या की गई, जिसमें शाहबुद्दीन अंसारी और अनवर खान की संलिप्तता हो सकती है।
नगमा ने आगे बताया कि पति की मौत के बाद अनवर खान ही शव लेकर आया था। उसी दौरान ससुर मोहम्मद खलील ने जावेद से संबंधित सभी कागजात लेकर अनवर को सौंप दिए। इसके बाद से ससुराल पक्ष ने नगमा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उन्हें इद्दत की अवधि (चार माह 10 दिन) भी पूरी नहीं करने दी गई और 50 हजार रुपये मायके से लाने का दबाव बनाया गया। रुपये नहीं लाने पर 10 जून को हमे घर से निकाल दिया गया, जिसके बाद मैं मायके चली आई।
पीड़िता को शक है कि पति की मौत का मुआवजा एवं बीमा राशि ससुर मोहम्मद खलील, सास जशीरन खातून, ननद मुसर्रत खातून, ननदोसी मोहम्मद इस्लाम और एजेंट अनवर खान मिलकर हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। नगमा ने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति को कंपनी में अवैध तरीके से नियुक्त किया गया था और उन्हें 22,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था, जिसमें से हर महीने 2000 रुपये एजेंट अनवर और शाहबुद्दीन कमीशन के रूप में लेते थे।
पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि इस मामले में पीड़िता के ससुर मोहम्मद खलील से पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।