Koderma/रांची: कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही एक्शन मोड में काम करना शुरू कर दिया है, जो अब भी जारी है। मंगलवार को उन्होंने मोरहाबादी स्थित कल्याण कॉम्प्लेक्स में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कल्याण पदाधिकारियों, प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स, आईटीडीए और प्रमंडलीय उप-निदेशकों के साथ बैठक की। इस बैठक में स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए साइकिल और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण की प्रगति की जिलावार समीक्षा की गई।
इस दौरान मंत्री चमरा लिंडा ने कोडरमा और रामगढ़ जिले में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की शून्य प्रगति पर मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कोडरमा एवं रामगढ़ जिला के कल्याण पदाधिकारियों को अगले तीन दिनों के भीतर छात्रवृत्ति राशि वितरण का सख्त निर्देश दिया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि छात्रवृत्ति वितरण मामले में जो पदाधिकारी कोताही बरतेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कोडरमा एवं रामगढ़ जिला में अगले तीन दिनों में छात्रवृत्ति राशि वितरण की प्रगति में सुधार नहीं होने की स्थिति में संबंधित पदाधिकारियों का जनवरी 2025 का वेतन रोक दिया जाएगा।
जनहित और जनसेवा सर्वोच्च प्राथमिकता
मंत्री लिंडा ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि आगामी 4 जनवरी तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति से संबंधित सभी लंबित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के साथ करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कल्याण विभाग में काम करने वाले सभी अधिकारी जनहित और जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
मंत्री ने कहा कि पदाधिकारी समस्या का हिस्सा न बनें, बल्कि समाधान का रास्ता निकालें। उन्होंने विभागीय कर्मियों को यह समझने की बात कही कि उनका काम केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण के लिए है।
सख्त कार्यशैली से चर्चा में मंत्री
मंत्री चमरा लिंडा की यह सख्त कार्यशैली कल्याण विभाग में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उनके निर्देशों के बाद संबंधित जिलों के अधिकारियों पर समयबद्ध छात्रवृत्ति वितरण सुनिश्चित करने का दबाव है।