कोडरमा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला सचिव वीरेंद्र कुमार पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सह सांसद कोडरमा लोकसभा अन्नपूर्णा जी के द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज व पॉलिटेक्निक संस्थान को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश जैसे बयान को सस्ती लोकप्रियता से निहित तथा जनता को भ्रमित करने वाला बयान बताया है।
झारखंड सरकार अभी हाल में एक सरकारी बयान जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार इन संस्थानों को पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के द्वारा संचालित करने जा रही है जिसमें एक सरकारी एजेंसी तथा एक निजी कंपनी के मध्य सहयोग शामिल है अर्थात सेमी गवर्नमेंट के द्वारा इन्हें संचालित किया जाएगा। सरकार की मनसा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की है ताकि विद्यार्थी कामयाबी का परचम लहराये ना कि सर्टिफिकेट लेकर भटकते नजर आएं। पीपीपी मॉडल के तहत सरकार तथा निजी कंपनी के बीच एक अनुबंध है।
इन्फ्राट्रक्चर को निजी कंपनी पूरा करती है जो सरकार के द्वारा बना कर दिया जाता है। रही बात, आरक्षण के तो इसका जवाब मोदी जी से लेना चाहिए जो राष्ट्रीय संपत्ति को निजी हाथों में सौंप कर आरक्षण को पूरी तरह समाप्त कर रहे हैं। देश के सामने ज्वलंत समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। खाद्यान्न वस्तुओं पर जीएसटी लगा कर जैसे आटा चावल दाल तेल जैसे अन्य वस्तुओं पर भाजपा ने अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है कि हम गरीबी नहीं गरीबों को मिटा देंगे जवाब दीजिए दो करोड़ युवाओं को हर साल नौकरी देने का वादे को क्या हुआ ।
डॉलर के मुकाबले रुपया गिर गया जवाबदेह कौन है