कोरोना महामारी की वजह से पूरा भारत लॉकडाउन हुआ और अब धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने की कवायद शुरू हो चुकी है. इस ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने अनलॉक-1 का फैसला किया है जिसकी वजह से जिंदगी को सामान्य रखने की जुगाड़ की जा रही है.
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लॉकडाउन होने से देश सहित राज्य की भी आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पडा है. दूसरे राज्यों में काम करने गए लोगो को अपने राज्य वापस लौटना पड़ा है. उनके अब रोजगार की तलाश है. सरकार ये दावा कर रही है की जिलेवार बेरोजगारों का डाटा तैयार कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा। मनरेगा में भी इच्छुक लोगो को रोजगार दिया जा रहा है. लेकिन क्या 300 से अधिक कमाने वाले मजदूर मनरेगा में सिर्फ 194 रुपए के लिए काम करेंगे??
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इन सब के बीच सरकार से लेकर सामाजिक संगठन जिस वर्ग की मदद करना भूल गयी वो सेक्स वर्कर्स है. लॉकडाउन में जिस तरह से ये जिंदगी गुजार रही है वो बेहद ही कठिन है. रहने के लिए घर नहीं है और न ही सही से दो वक़्त की रोटी मिल पाती है ऐसे में जिंदगी गुजारना कितना कठिन होगा इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
कानून नेे लिया बेटे की जान?
— The News Khazana (@TheNewsKhazana) June 15, 2020
4 साल से पिता को इंसाफ का इंतजार!
पिता की गुहार अब तो इंसाफ दिला दीजिए सरकार.@HemantSorenJMM @MVRaoIPS @IrfanAnsariMLA @JharkhandPolice#MinhajAnsari #WhatsApp pic.twitter.com/6KMGav4H64
गोड्डा जिले के महागामा से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने सेक्स वर्कर्स से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना और उनकी बातो को सुना। विधायक से बात करते हुए सेक्स वर्कर्स ने कहा की लॉकडाउन का पालन हमने आम लोगो की तरह किया है. अपने यहां कस्टमर्स को आने नहीं दे रहे हैं. रोज़ाना के लिए खाने-पीने का इंतज़ाम करना मुश्किल हो गया है.
आगे सेक्स वर्कर्स ने कहा की सेक्स वर्करों का काम कर अपना पेट पालने वाले हमारे समाज के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. राशन तो दूर एक वक़्त की रोटी तक नहीं मिल पा रही है. कोरोना की वजह से काम बंद है. अब हमारे पास न रहने का घर है और न ही खाने और इलाज के लिए पैसे है. पैसे नहीं और ना पेट चलाने के कोई और विकल्प है.
सरकार सबकी मदद कर रही है लेकिन हमारी तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार से मदद की गुहार लगते हुए सेक्स वर्कर्स का कहना है कि और लोगों की तरह सरकार को हमारी भी मदद करनी चाहिए।