आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े होने के आरोप में मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिद को सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद से वे जेल में बंद थे. आरोप था कि वह अपने घर पर अहमद मसूद अकरम और अब्दुल रहमान जिन पर हमले के कई केस दर्ज थे उनसे मुलाकात करते थे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गुजरात से पैसे दिए जाते थे जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में किया जाता था यह आरोप पुलिस ने मौलाना पर लगाते हुए यूएपीए के तहत पिछले वर्ष सितंबर महीने में जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना में एक मामला दर्ज किया था जिसके आधार पर कलीमुद्दीन को आरोपी बनाया गया था
अलकायदा की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मौलाना जेल में बंद थे लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें अब जमानत दे दी है हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत ने कलीमुद्दीन की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी है सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अलकायदा की गतिविधियों शामिल होने के कोई भी सबूत या फिर उसके दिए गए पैसे का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो जाए कि वह अलकायदा से जुड़ा हुआ है साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि मौलाना कलीमुद्दीन एक मौलाना है इससे पूर्व उस पर कोई भी अपराध का मामला नहीं है साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस के द्वारा कोई भी ऐसा तथ्य नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि मौलाना कलीमुद्दीन अलकायदा जैसे संगठन से जुड़ा हुआ है