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नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आखिरी बार झारखंड के इस रेलवे स्टेशन पर देखा गया था,और अंग्रेजों की नजर से बचते हुए जंगल में एक गुप्त बैठक की!

Arti Agarwal

रांची: 23 जनवरी 18 सो 97 ईस्वी को सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे ! 23 जनवरी 2021 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती है!
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को झारखंड से काफी लगाव रहा है खासकर धनबाद में सुभाष चंद्र बोस को काफी आना जाना लगा रहता था बताया जाता है कि यह आखरी बार सुभाष चंद्र बोस झारखंड के धनबाद के गोमो जंक्शन पर देखा गया था!
रेल मंत्रालय ने वर्ष 2009 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में गोमो स्टेशन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस गोमोह जंक्शन कर दिया!
कहां जाता है कि 18 जनवरी 1941 की रात को सुभाष चंद्र बोस अपने भतीजे डॉक्टर शिशिर बॉस के साथ कार से झारखंड के धनबाद जिले के गोमो स्टेशन पर पहुंचे थे और अंग्रेजों से बचते हुए घूमो हत्याकांड के जंगल में छिप गए थे!
औरयह भी बताया जाता है कि जंगल में ही स्वतंत्रता सेनानी अलीजान और अधिवक्ता चिरंजीव बाबू के साथ इन्होंने गुप्त बैठक की थी और इसके बाद सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से बचकर गुमो के ही लोको बाजार स्थित कबीले वालों की बस्ती के एक घर में छिप कर रहे थे
रात भर कबीले वालों की बस्ती में रहने के बाद 18 जनवरी 1941 की रात को इनके दोनों साथियों ने गोमो स्टेशन से उन्हें कालका मेल से दिल्ली रवाना किया था!
इसलिए गोमो स्टेशन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन रखा गया है!