मुंबई के पुणे में वर्ष 2018 के जनवरी महीने में भीमा कोरेगांव में एक हिंसा भड़की थी हिंसा भड़काने के लिए कई लोगों को जिम्मेदार माना गया है एनआईए के द्वारा कार्यवाही करते हुए कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इसी सिलसिले में झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को भी एनआईए ने हिरासत में लिया है। दरअसल, भीमा कोरेगांव के कुछ क्षेत्रों में पत्थरबाजी की घटना हुई थी. हिंसा के दौरान एक नौजवान की जान भी चली गई थी घटना से 1 दिन पूर्व वहां यलगार परिषद के द्वारा रैली भी आयोजित की गई थी एनआईए की चार्जशीट में आरोप है कि इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका तैयार की गई थी और इन्हीं लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश भी रची थी इससे जुड़े पुलिस ने कई साक्ष्य भी बरामद किए हैं।
भीमा कोरेगांव की हिंसा के दौरान साजिश रचने में संलिप्तता होने के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को झारखंड से सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टैंड स्वामी को उनके नामकुम स्थित आवास से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं इसी वर्ष जनवरी माह में एनआईए ने इस केस को टेकओवर किया है इससे पूर्व भी फादर स्टेन स्वामी से अगस्त में पूछताछ की गई थी स्वयं को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताने वाले फादर स्टेन स्वामी पर आरोप लगाया गया है कि उनके और उनके साथियों के भड़काऊ भाषण के बाद ही एक जनवरी दो हजार अट्ठारह में भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी।
इस मामले को एनआईए से पहले महाराष्ट्र पुलिस अनुसंधान कर रही थी महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा भी फादर स्टेन स्वामी से पूर्व में दो बार पूछताछ कर चुकी है। सबसे पहले 28 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र पुलिस उनके आवास पर पहुंची थी और उनसे तकरीबन ढाई घंटे तक छानबीन करते हुए पूछताछ की गई थी फादर स्टेन स्वामी को उनके दफ्तर से हिरासत में लिया गया है वह 83 साल के हैं और रांची में अकेले रहते हैं यूएपीए की धाराओं के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया है इस धारा के साथ ही उन पर भारतीय दंड विधान की कई और भी संगीन धाराएं लगाई गई हैं