झारखंड राज्य के 24 जिलों में से लातेहार भी एक जिला है. इसकी स्थापना 4 अप्रैल 2001 ई. को की गई थी। लातेहार मनोहारी जंगलों, खूबसूरत झरनों, विशाल खदानों और हरे-भरे खेतों से भरा पड़ा है। इसके झरनों के पास पिकनिक मनाना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। पर्यटक यहां पिकनिक मनाने के अलावा स्थानीय संस्कृति से भी रूबरू हो सकते हैं। झारखंड पुरे भारत में सबसे ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का सबसे बड़ा राज्य है. लातेहार में भी प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है. कोयले, बॉक्साइट, लेटेराइट और डोलोमाईट की खदानों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है।
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झारखंड का लातेहार जिला आपने इतिहास के लिए भी काफी मशहूर है. झारखंड के लोगो ने पीढ़ियों से बेहतरीन कारीगरों को बनाया है और कला में उत्कृष्ट कार्य सिद्ध किया है और यह प्राकृतिक संसाधनों का अनूठा देश है. यहाँ पतला, मजबूत बांस से सुनम्य व्यावहारिक लेख जैसे दरवाजा पैनल, बक्सा, चम्मच, शिकार तथा मछली पकड़ने के उपकरण, नाव के आकार का टोकरियाँ और कटोरे और फुलके बनाये जाते हैं और गुलाबी हरी पत्ती वाले पाउडर का उपयोग धार्मिक अवसरों पर करते हैं | ‘साल’ पत्तियों से बनाये गये कटोरे और ‘पत्तल’ प्लेटों का उपयोग शादी और अन्य उत्सव के दौरान व्यापक रूप से किया जाता है.
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लातेहार जिले का नाम अब पुरे भारत में फिर से एक बार विख्यात हूँ चूका है. नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया की बेहतर शिक्षा देने के मामले में झारखंड के लातेहार जिला ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. निति आयोग के द्वारा नवंबर 2019 की डेल्टा रैंकिंग जारी करते हुए पांच सबसे बेहतर शिक्षा देने वाले जिलों का नाम जारी किया है जिसमे पहले स्थान पर त्रिपुरा का धलाई जिला का कब्ज़ा है तो वही दूसरे और चौथे स्थान पर ओडिशा का राज्यगड़ा और कंधमाल ने कब्ज़ा किया है तो तीसरे स्थान पर झारखण्ड का लातेहार जिला है और सबसे आखरी एवं पांचवे स्थान पर हरियाणा का मेवात जिले ने कब्ज़ा जमाया है