Jharkhand Health: झारखंड में स्वास्थ्य योजनाओं में भ्रष्टाचार के दोषी संस्थाओं और उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई बंद हो गई है. पिछले 1 साल में आयुष्मान भारत योजना से सिर्फ एक अस्पताल सूची से बाहर निकाला गया है जबकि करीब दर्जन भर अस्पतालों पर कागजी मरीजों का इलाज करने सहित दूसरी तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गड़बड़ी से संबंधित कुछ मामलों की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी परंतु उन्हें डेढ़ महीने बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. आयुष्मान में गड़बड़ी करने वाले सिर्फ एक अस्पताल को जुलाई 2021 से जून 2022 तक निलंबित किया गया, एक पर दंड लगाया गया हालांकि, कोई अस्पताल सूची से बाहर नहीं किया गया है और ना ही किसी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने वाले दर्जन भर अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा विभिन्न जिलों से भेजी गई है. इन जिलों में धनबाद, लोहरदगा, गोड्डा और गुमला शामिल है. परंतु उन पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है. इन योजनाओं में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार जारी है और भ्रष्टाचार करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं जबकि कार्रवाई न के बराबर हो रही है. स्वास्थ्य विभाग में बढ़ते इस भ्रष्टाचार के कारण मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए राशि का दुरुपयोग तो होता ही है साथ ही जो मूलभूत सुविधाएं जनता को मिलनी चाहिए वह उनसे कोसों दूर रहती है और अधिकारी सिर्फ अपना जेब भरने में लगे रहते हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य मंत्री कितनी जल्दी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करते हैं.