Shilpi Neha Tirkey: राजधानी रांची के मांडर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की है. कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रत्याशी बनाई गई शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 23 हज़ार से अधिक मतों से पराजित कर निर्वाचित हुई हैं.
पूर्व मंत्री और 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे बंधु तिर्की की सदस्यता जाने के बाद मांडर में उपचुनाव हो रहे थे इस उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बंधु तिर्की की पुत्री शिल्पी नेहा तिर्की को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा था. पिता की विरासत को बचाने में शिल्पी नेहा तिर्की कामयाब रही और भाजपा की प्रत्याशी को उन्होंने एक बड़े अंतर से पराजित किया है.
शिल्पी नेहा तिर्की चुनाव में आने से पहले नोएडा में एक बड़ी कंपनी में नौकरी करती थी. पिता की विधानसभा से सदस्यता जाने के बाद शिल्पी नौकरी छोड़कर राजनीति में आई और पहली ही बार में विधायक चुनी गई है. वह झारखंड की दूसरी ऐसी युवा महिला विधायक है जो अविवाहित है और बहुत ही कम उम्र में विधानसभा पहुंची है.
मांडर की जीत पर सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर किया प्रहार, धनबल और अहंकार की राजनीति को बताया समाप्त:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मांडर विधानसभा का परिणाम आने के बाद ट्वीट करते हुए विरोधियों पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “आज फिर झारखण्डी और झारखण्डियत की जीत हुई है। धनबल, झूठ, छल, अहंकार और शोषण की राजनीति को आज फिर चौथे उपचुनाव में मांडर की जनता ने चारों खाने चित कर दिया। गठबंधन की युवा उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की जी को अनेक-अनेक बधाई तथा सभी मांडर वासियों को धन्यवाद और जोहार।”
बता दे कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में 4 विधानसभा के उपचुनाव हुए और चारों विधानसभा के उपचुनाव में गठबंधन ने भाजपा को पराजित किया है और अपनी सरकार को सुरक्षित रखने में अहम रही है. मुख्यमंत्री का यह ट्वीट इस लहजे में भी समझा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी धनबल, झूठ, छल और अहंकार एवं शोषण की राजनीति करती है साथ ही लोगों को सांप्रदायिकता की आग में धकेल कर सिर्फ उन्हें बरगलाने की कोशिश करती है. ऐसे लोगों पर मांडर की जनता ने अपनी मत से करारा जवाब दिया है. मुख्यमंत्री के द्वारा ऐसा कहने के पीछे असल वजह है कि वह बाबूलाल मरांडी को यह दिखाना चाहते हैं कि झारखंड की जनता झारखंड और झारखंड हित की बात करने वालों को पसंद करती है ना कि सिर्फ आरोप और झूठ फैलाने वालों का साथ देती है.
मांडर विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार की शुरुआत जिस दिन से हुई उसी दिन से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी चुनाव प्रचार में लग गए थे. चुनाव समाप्ति के आखिरी दिन तक वह मांडर में डटे रहे इसके साथ ही भाजपा के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री भी चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए उतरे थे लेकिन उनका कोई भी तरकीब काम ना कर पाए और कांग्रेस की प्रत्याशी ने बड़े अंतर से भाजपा को करारी शिकस्त दी है. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मात्र एक दिन में तीन चुनावी जनसभा को संबोधित कर भाजपा के इरादों पर पानी फेर दिया. मालूम हो की आए दिन बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर आरोप लगाते रहते हैं लेकिन मांडर के इस उपचुनाव ने यह साफ कर दिया है कि झारखंड की जनता राज्य की ज्वलंत मुद्दों और विकास से जुड़ी बातों को पसंद करती है ना कि सिर्फ बेबुनियाद आरोप और प्रत्यारोप को लेकर अपना मत देती है.