झारखंड के हजारीबाग जिला के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं, हजारीबाग जिला के अंतर्गत आने वाली लोहसिंघाना थाना को सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति अफीम की तस्करी कर रहा है जिस सिलसिले में पुलिस ने राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी की है.
आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी के खिलाफ शुक्रवार को धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें पुलिस पर यह आरोप लगाया गया कि अवैध तरीके से राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी की गई है. लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि राजेश मिश्रा ने कई बड़े मामलों का खुलासा किया है जिसमें कई माफिया के करोड़ों रुपए डूब गए हैं. उन माफियाओं के द्वारा राजेश मिश्रा को फसाने का यह षड्यंत्र रचा गया है.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें रजिस्ट्रार की गर्दन फंसती दिखाई दे रही है इसलिए राजेश मिश्रा के आरटीआई को रोक कर रखा गया है ताकि सच्चाई सामने ना सके. राजेश मिश्रा के द्वारा उच्च न्यायालय में एक पीआईएल दायर करने के लिए वकील से भी बातचीत हो चुकी है पिछले सप्ताह केस फाइल होने वाली थी जिसमें जमीनों की हेराफेरी, गलत जमाबंदी को लेकर सीबीआई जांच के लिए कहा गया था. इस मामले की भनक कई लोगों की लगी जिसके बाद उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है.
पूरे मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि उक्त व्यक्ति का पीछा गिरफ्तारी के पूर्व कई घंटों से कर रहे थे. नवाबगंज से झील होते हुए हम उनका पीछा कर रहे थे लेकिन आरोग्य अस्पताल के पास उन्हें पकड़ा गया. उनकी मोटरसाइकिल की डिक्की से अफीम, ब्राउन शुगर बरामद की गई है.