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देश की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट पर बोले रामेश्वर उरांव, केन्द्र की गलत नीतियों का है परिणाम

देश की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट पर बोले रामेश्वर उरांव, केन्द्र की गलत नीतियों का है परिणाम 1

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने शनिवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट माइनस में जाना केंद्र सरकार की विफलता को दर्शाता है कि उनके द्वारा लिए गए गलत निर्णय और नीतियों की वजह से ही देश का बुरा हाल हुआ है.

दरअसल, सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े प्रकाशित हुए हैं इस तिमाही में देश की इकनॉमिक ग्रोथ रेट माइनस 7.5 फ़ीसदी रहा है इससे पूर्व प्रथम तिमाही अप्रैल-जून में भी देश के जीडीपी का ग्रोथ रेट माइनस 23.9 फ़ीसदी रहा था लगातार दूसरी तिमाही में भी देश का ग्रोथ रेट नकारात्मक रहने के कारण डॉ रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है उन्होंने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में नहीं है लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी के माइनस में रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था आधिकारिक रूप से बंदी में प्रवेश कर चुकी है.

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आगे उन्होंने कहा कि जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े है कि इस दौरान आर्थिक क्षेत्र में दुनिया भर में सबसे खराब प्रदर्शन हिंदुस्तान का रहा है ताजा आंकड़ों के हिसाब से साफ होता है कि दूसरी तिमाही में भारत की इकोनामी ने दुनिया की बड़ी इकोनामिक देशों में ब्रिटेन के बाद सबसे खराब प्रदर्शन किया है पिछले 11 तिमाही से इसमें गिरावट का सिलसिला जारी है कोरोनावायरस संक्रमण काल में ही नहीं बल्कि वैश्विक महामारी के पहले से ही केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से जीडीपी में गिरावट दर्ज की जा रही थी

वित्तीय वर्ष 2017-18 का जिक्र करते हुए रामेश्वर उरांव ने कहा की उस समय ग्रोथ रेट 7 फ़ीसदी, 2018-19 में 6.1% और 2019 20 में 4.2 फ़ीसदी रहा जबकि तमाम रेटिंग एजेंसी और वित्तीय मामलों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें कम से कम 9 से 12 फ़ीसदी की गिरावट होगा. जबकि आरबीआई ने भी 9.5 फ़ीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है. बावजूद इसके केंद्र सरकार स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस पहल करती नहीं दिखाई दे रही है. इस पर कोई ठोस कदम केंद्र सरकार नहीं उठा रही है लेकिन 20,00,000 करोड़ों रुपए पर हवा हवाई करके पैकेज का ऐलान कर रही है लेकिन इससे गरीब, आम आदमी, मजदूर, व्यवसाई, किसान को कोई भी राहत होता नहीं दिखाई दे रहा है.

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