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मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए सीएससी को अब नहीं देने होंगे 40 रुपए, सरकार करेगी भुगतान

मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए सीएससी को अब नहीं देने होंगे 40 रुपए, सरकार करेगी भुगतान 1

Ranchi: माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और सरकार राज्य में सुखाड़ प्रभावित किसानों  को लेकर काफी संवेदनशील है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान आए इसके लिए हम सभी प्रयास करने होंगे।  ये बात राज्य के कृषि मंत्री बादल ने आज नेपाल हाउस स्थित एनआईसी सभागार सभी जिला के उपायुक्तों और जिला कृषि पदाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई विभागीय समीक्षा के दौरान कही।

मंत्री बादल ने कहा कि राज्य के किसानों की उदासी को अवसर में बदलने का प्रयास सभी अधिकारी करें। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना  के तहत  आर्थिक मदद हेतु मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंस समर्पित किया है। आशा है कि इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार आवश्यक सहयोग करेगी।  सरकार ने केंद्र को मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंस के तहत 9682 करोड़ के राहत सहायता की मांग की है।  उन्होंने कहा कि हर किसान परिवार या खेतिहर मजदूर जो राज्य के राशन कार्ड धारी हो, उन सबको मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत लाभ दिया जाए। उन्होंने विभागीय सचिव से कहा कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए जो दस्तावेजों को अपलोड किया जाता है उनमें से लैंड पजेशन सर्टिफिकेट की बाध्यता को खत्म किया जाए साथ ही  यह सुनिश्चित किया जाए कि हर एक किसान जिनका नाम राशनकार्ड  में दर्ज है, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत  योजना का लाभ दिया जाए। पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वैसे गांव  जहां के लोग प्रखंड तक आकर योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं वैसे गांव में पदाधिकारी स्वयं जाकर विजिट करें और कृषि योजनाओं का लाभ दिलवाए। सरकार की ओर से जो बीज अनुदानित दर पर दिए जा रहे हैं उनका कितना उपयोग हो रहा है इसकी धरातल पर जांच करें और क्षेत्रवार सक्सेस स्टोरी बनाएं ताकि एक मॉडल बन सके।

अब सुखाड़ राहत के लिए सीएससी को नहीं देने होंगे 40 रुपए, सरकार करेगी भुगतान: बादल

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अब किसानों को सुखाड़ राहत योजना के लाभ हेतु आवेदन के लिए 40 रुपए का शुल्क सीएससी या प्रज्ञा केंद्र को नहीं देना होगा। उक्त राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी। बता दें कि अब तक किसानों को राहत योजना के आवेदन को रजिस्टर्ड करने के लिए 40 रुपए का भुगतान करना पड़ता था।
बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना में कई सुझाव आए और  सुझावों के अनुरूप कई बदलाव भी किए गए हैं फिर भी सफलता अक्षरशः नहीं मिल रही है। पशुधन योजना के तहत आवेदन प्राप्त करने की रफ्तार काफी धीमी है जिसमें सुधार करने की जरूरत है  साथ ही कई जिलों में योजना के धीमे कार्यान्वयन को लेकर नाराजगी भी जताई।

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पशुधन योजना का लाभ सुनिश्चित कराएं: अबू बकर सिद्दीक

कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिक ने कहा कि जिन जिलों में पशुधन वितरण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ  अथवा धीमा है, वहां जल्द और तीव्र गति से वितरण का कार्य करें।  आवेदन ज्यादा से ज्यादा प्राप्त हों इसके लिए निबंधित किसानों के मोबाइल पर एसएमएस भेजें। मे अब तक 18 जिलों में 23000 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए है जो लक्ष्य से काफी दूर हैं। उन्होंने कहा की एग्री स्मार्ट विलेज के लिए कृषि विभाग की सभी योजनाओं का कार्यान्वयन गांव में किया जाए ताकि मॉडल विलेज के रूप में गांव को पहचान मिल सके। उन्होंने कहा कि माननीय सांसद और  विधायक से  स्मार्ट विलेज के लिए अनुशंसा प्राप्त कर विभाग को सूचित करें।
बैठक में मुख्य रूप से कृषि निदेशक  निशा उरांव, सहकारिता निबंधक मृत्युंजय वर्णवाल, पशुपालक निदेशक शशि प्रकाश झा, विशेष सचिव  प्रदीप हजारे एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग में विभिन्न जिलों के उपायुक्त और जिला कृषि, पशुपालन पदाधिकारी उपस्थित थे।