मार्च महीने की शुरुवात हो चुकी है और आधा मार्च भी बीत चूका है. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत किस कदर होती है ये किसी से छुपी नहीं है. गर्मी से पहले लोगो की ये कोशिश होती है की अपने यहाँ पानी की समस्या को वक़्त रहते दूर कर लिया जाये लेकिन विभाग भी इसमें लापरवाही बरतता है.
गोड्डा जिले के ठाकुरगंगटी प्रखंड मुख्यालय के बगल मंझकोला गांव में बीते करीब 2 माह से अधिक समय से सोलर पानी टंकी जल मीनार का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इससे तमाम ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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करीब 3 माह पूर्व कुछ मजदूर व मिस्त्री द्वारा आकर यहां गड्ढा खोदकर नीचे का प्लेटफार्म तैयार किया गया था। उसके एक माह बाद फिर कुछ मिस्त्री व मजदूरों ने आकर खंभे को लगाकर नट बोल्ट से कस दिया। उसके बाद से अभी 2 माह से अधिक समय बीतने के बावजूद भी किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। गर्मी दस्तक देने वाली है।
मंझकोला, हरिपुर बहरमल, चमरू कापरी, गंगटी आदि गांवों के तमाम ग्रामीणों ने कहा है कि यहां पेयजल के लिए लोग तरस रहे हैं। अर्ध निíमत जल मीनार पानी टंकी लोगों को मुंह चिढ़ा रही है। एक तो इतने दिनों बाद इतनी धीमी गति से कार्य चालू किया गया था। उसके बावजूद भी इतने समय तक अधूरा छोड़ दिया गया है। पेयजल स्वच्छता विभाग के किसी अभिकर्ता द्वारा सोलर प्लेट से संचालित होने वाला प्लास्टिक पानी टंकी का निर्माण कराया जाना है। लेकिन यह बात अब तक सिर्फ सुनी सुनाई जैसी ही साबित हो रही है। इस संबंध में ग्रामीणों ने करीब 10 दिनों पूर्व प्रशासन द्वारा प्रखंड मुख्यालय परिसर में लगाए गए जनता दरबार में भी रखा था।
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उस समय भी पदाधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पानी टंकी का निर्माण करा दिया जाएगा लेकिन वह बाद भी सिर्फ कहने और सुनने भर की ही रह गई। अब तक जल मीनार निर्माण कार्य पूर्ण करने का कार्य ज्यों का त्यों अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीण मरांग टूडू, ताला मुर्मू, बाबूचंद हेंब्रम, दुर्गा माल, अरविद टूडू, जोसेफ टूडू, विनोद टूडू, जिच्छु तांती, गुड्डू साह आदि ग्रामीणों ने बताया कि एक तो काफी रद्दी एवं घटिया किस्म से इस जल मीनार का निर्माण कराया जा रहा है, उसमें भी इतना विलंब हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से संबंधित विभाग के अधिकारियों र्किमयों अभिकर्ताओं के विरुद्ध उचित कार्रवाई करते हुए अविलंब जल मीनार निर्माण कार्य पूर्ण कराने की मांग की है। ताकि सैकड़ों घरों के निवासियों की प्यास बुझ सके।