लॉकडाउन के कारण राशन और मेडिकल जैसी जरुरी चीज़ो को छोड़ सभी तरहा की दुकानों को बंद कर दिया गया था. केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश में शराब की दुकाने खोलने की अनुमति दी गयी जिसके बाद कई राज्यों ने अपने- अपने हिसाब से दुकाने खोली। शराब की दुकाने खुलने के दिन ही दुकानों के बाहर भारी भीड़ देखने को मिली थी. दिल्ली और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने शराब के दामों में बढ़ोतरी भी कर दी है.
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झारखण्ड सरकार भी जल्द ही शराब बेचने पर फैसला ले सकती है. क्यों शारब के जरिये सरकार को एक बड़ा राजस्व प्राप्त होता है. लॉकडाउन होने के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था बिगड़ गयी है. इसे पटरी पर लाने के लिए ये निर्णय लिया जा सकता है. दुकाने न खोल कर शराब की होम डिलीवरी हो इसपर सरकार विचार कर रही है.
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राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है की लॉकडाउन का तीसरा पड़ाव खत्म होने के बाद इसे शुरू किया जा सकता है. शराब से एक बड़ी राशी राज्य को मिलती है. नियम बनाकर इसे चालू कराने की योजना तैयार की जा रही है. सोशल डेस्टीनेशन का पालन हो इसको भी ध्यान में रखें है. बात अगर पिछले वित्तीय वर्ष की करे तो राज्य सरकार को देशी और विदेशी शराब से 21 सौ करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई थी.
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शराब बेचने कि अनुमति के बाद कई ऐसे राज्य थे जहाँ दुकानों पर भरी भीड़ देखी गयी थी और सोशल डेस्टिनेशन का उल्लंघन भी हुआ था. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकर को फैसला लेना है.