सर्दी का मौसम चल रहा है लेकिन झारखण्ड के राजनितिक गलियारों में इन दिनों गर्मी बढ़ी हुयी है. झारखण्ड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष और प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की चर्चा जोरो पर है.
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सिर्फ बाबूलाल के भाजपा में जाना ही सुर्खियों में नहीं है बल्कि चर्चा ये भी की बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी का भी विलय भाजपा में करने जा रहे है. इसलिए पांच जनवरी को पार्टी के कार्यसमिति को भंग करके फिर से नयी कार्यसमिति का गठन किया गया है. भाजपा में जाने के सवाल पर जिन नेताओ ने बाबूलाल के ऊपर अपनी नाराजगी जाहिर की थी उन नेताओ को झाविमो की नयी कार्यसमिति में कोई पद नहीं दिया गया है. कयास ये लगाए जा रहे है की जिन लोगो ने भाजपा में जाने के लिए बाबूलाल का समर्थन किया है उन्ही को पार्टी में पद दिया गया है.
“हेमंत सरकार को समर्थन देने वाली झाविमो के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को आड़े-हाथो लेते हुए कहा की सरकार गठन के बाद अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है अगर आगाज़ ऐसा है तो अंजाम कैसा होगा।” मंत्रिमंडल का विस्तार करने की बजाय सरकार में शामिल लोग दिल्ली का चक्कर लगा रहे है.
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गिरिडीह से झामुमो के विधायक सुदिव्यो कुमार ने बाबूलाल मरांडी के दिए बयान पर तंज कशते हुए कहा की दल बदलने से पहले ही बाबूलाल जी का दिल बदल गया है. विधायक सुदिव्यो कुमार ने बाबूलाल मरांडी को रघुवर सरकार के दिनों का हवाला देते हुए कहा की पांच साल बारह मंत्रियो की जगह ग्यारह मंत्रियो के साथ पांच साल सरकार चलाने वाली भाजपा को आप भूल गया गये है. बाबूलाल को विधायक ने याद दिलाते हुए कहा की अब तक भाजपा ने सदन अंदर नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पायी है इस बात पर भी कुछ बोलिये।
आगे विधायक ने बाबूलाल पर तीखा हमला करते हुए उनके बयान को याद दिलाते हुए कहा की बाबूलाल मरांडी ने कहा था की “क़ुतुबमीनार से कूदना पसंद होगा लेकिन भाजपा में जाना नहीं” इस बयान पर विधायक ने कहा की उन्हें ये बात याद दिला दूँ.