झारखण्ड का एक मात्र जिला साहेबगंज है जहाँ से गंगा नदी हो कर गुजरती है. झारखण्ड को विभिन्न राज्यों के साथ नदी के रास्ते जोड़ने के लिए इसे सुरु किया गया था लेकिन गंगा नदी पर पुल बनाने के लिए पांच सालो तक ठेकेदार नहीं मिले। झारखण्ड में पर्यटन के द्रिष्टी और पानी जहाजों के आवागमन से स्थानीय लोगो को भी काफी हद्द तक मद्दद मिलती और रोजगार के साधन मिलने के आसार होते लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है.
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अंतरराष्ट्रीय परिवहन में सुविधा के उद्देश्य से बनने वाले इस पुल के निर्माण के लिए पहली बार एनएचएआई ने दो दिसंबर 2015 को पहली बार टेंडर जारी किया था. चीन की कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग और भारत की सोम कंस्ट्रक्शन कंपनी के सयुक्त उपक्रम सोम-चेक को काम मिला था. कंपनी में चीन की भागीदारी होने के कारण वर्कऑर्डर देने से पहले फाइनांसियल इन्कुलजन लिमिटेड से एनओसी लेना अनिवार्य था. एनओसी की प्रक्रिया होने में दो वर्ष का समय लग गया.
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इस मुद्दे को सीएम हेमंत सोरेन 28 फ़रवरी को गृहमंत्री के साथ होनेवाली बैठक में उठाएंगे:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 फ़रवरी को भुवनेश्वर जायेंगे जहां वे ईस्टर्न काउंसिल की बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक की अध्यक्षता गृहमंत्री अमित शाह करंगे। हेमंत सोरेन एनएचएआई द्वारा पुल निर्माण में किये गए बिलम्ब के मुद्दे को रखेंगे साथ ही जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराने की मांग भी करेंगे।