Skip to content
Advertisement

केंद्र सरकार हर चीज को व्यापार की दृष्टि से देखती है, प्रवासियों को रोजगार देने के लिए हेमंत बना रहे है अधिनियम

लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को अपने राज्य वापस लाया जा रहा है. सरकार के द्वारा सहायता नहीं मिलने के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी पैदल या अन्य किसी सहायता से राज्य वापस लौट रहे है. CM हेमंत सोरेन ने अपने सभी जिला के अधिकारियो को निर्देश दिया है की राज्य के अंदर जो भी पैदल घर जा रहे है उन्हें उचित व्यवस्था कर घर पहुँचाया जाये।

Advertisement
Advertisement

Also Read: ईद की तैयारी नहीं बल्कि प्रवासियों की मदद कर रहे है, कोडरमा के मुस्लिम युवा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि स्थानीय रोजगार अधिनियम बनाने की दिशा में काम चल रहा है। इसका उद्देश्य श्रमिकों को स्थायी रोजगार मुहैया कराना है, ताकि झारखंड से पलायन की बीमारी सदा के लिए दूर हो जाए। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कोई कमी राज्य में नहीं है और इसी की बदौलत झारखंड दूसरे राज्य के श्रमिकों को रोजगार देने वाला प्रदेश बनेगा। राज्य के मजदूरों का पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है।

Also Read: गिरिडीह की छह वर्षीय बच्ची से हुए दुष्कर्म मामले को लेकर जनता में रोष, कड़ी सजा की कर रहे मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें भी इसका अंदाजा नहीं था कि राज्य से इतनी संख्या में लोग रोजगार के लिए पलायन करते हैं। उन्होंने औद्योगिक घरानों से भी अपील की कि वह प्रवासी श्रमिकों के साथ अन्य मजदूरों को रोजगार देने के लिए कार्ययोजना बनाकर सरकार से साझा करें। कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों की तरह ही झारखंड बिजली वितरण निगम के माध्यम से भी राज्य के उद्योगों को सस्ती दर पर बिजली देने की दिशा में काम चल रहा है।

Also Read: UPA अध्यक्ष सोनिया गाँधी के साथ बैठक में बोले CM सोरेन, जीएसटी की मार झेल रहा झारखंड समय पर नहीं मिल पाता है हिस्सा

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा की केंद्र की मौजूदा सरकार हर चीज़ को व्यापार की नज़र से देखते है. मजदूरों के नजरिए से देखने पर वास्तविकता का पता चल सकेगा। केंद्र सरकार के नियमों के कारण अराजकता देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार आए दिन नया दिशानिर्देश जारी कर रही है। एकाएक भारी संख्या में ट्रेन और हवाई यात्रा शुरू करने से राज्य की चिंता बढ़ी है। झारखंड सरकार केंद्र के इस फैसले का विरोध करती है। केंद्र सरकार को भी राज्य सरकारों की चिंता का ध्यान रखना चाहिए।

हेमंत सोरेन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में कहीं भी अराजकता की स्थिति नहीं बनी। शराब की बिक्री शुरू होने पर भी कहीं से अप्रिय या अव्यवस्था से जुड़ी सूचना नहीं आई। दरअसल सरकार बड़ी सूझबूझ के साथ अध्ययन करने के बाद फैसले ले रही है।

Also Read: राजधानी राँची में शुरू हुई शराब की “होम डिलीवरी”, जानिए कौन कर रहा है यह काम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन की वजह से उपजी परिस्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार के पैकेज की आलोचना की। कहा कि यह खोदा पहाड़, निकली चुहिया को चरितार्थ कर रहा है। बड़ी चतुराई से न तो टैक्स में छूट दी गई न ब्याज में। कर्ज को भी पैकेज बताया जा रहा है। राज्य सरकार को बकाया पैसे देकर अहसास कराया जा रहा है। बोले- क्या देश में दूसरा कोई अर्थशास्त्री नहीं है। अभी मैं लडऩे-झगडऩे के मूड में नहीं हूं। अभी लोगों के प्रति चिंता है। बाद में राजनीतिक मंच से बोलेंगे। जनता सबसे सवाल करेगी, निर्णय का आकलन होगा।

झारखंड का 70-80 हजार करोड़ बकाया है। उन्होंने कहा, भाजपा राजनीति का कोई मौका नहीं छोड़ती। पहले खदानों के निजीकरण का निर्णय हुआ। परमाणु अनुसंधान का निजीकरण करना चाहते हैं। अगर खदानों का निजीकरण करना चाहते हैं तो उनके मालिकों यानी रैयतों को अधिकार दें। इतना बड़ा निर्णय बगैर सदन के सहमति के ले लिया गया। हम इसपर बहस में हिस्सा लेंगे। कहा कि राज्य को विभिन्न तरह के टैक्स लगाने का अधिकार दिए जाने की बात हमने कमाने के लिए नहीं, बल्कि संतुलन बनाने के लिए की है।

Advertisement
केंद्र सरकार हर चीज को व्यापार की दृष्टि से देखती है, प्रवासियों को रोजगार देने के लिए हेमंत बना रहे है अधिनियम 1