पूर्व कि रघुबर दास सरकार के कार्यकाल में नियोजन नीति के तहत हुए शिक्षक नियुक्ति पर झारखंड हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को गलत बताते हुए शिक्षको कि नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए उनकी नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था. जिसके बाद वर्तमन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कि सरकार ने नौकरी जाने वालो का साथ देते हुए नियोजन नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिस नियोजन नीति को भाजपा कि सरकार ने राज्य के लोगो को बाटने के लिए बनाया था शिक्षको कि नौकरी जाना उसी का प्रमाण है.
शिक्षको कि नौकरी बचाने के लिए राज्य सरकार कि तरफ से सुप्रीम कोर्ट में नियोजन नीति को लेकर एक याचिका दायर कि गई है. उसी याचिका पर आज सुनवाई होगी. नियोजन नीति को गलत बताते हुए सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट से इसे ख़ारिज करने कि मांग कि थी. सोनी कुमारी कि याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नियोजन नीति को गलत करार दिया है.
मालूम हो कि हाई कोर्ट ने 13 जिलो में हुई शिक्षक नियुक्ति को असंविधानिक करार दिया था. साथ ही 13 जिलो में जिन शिक्षकों कि नियुक्ति हुई है उन्हें रद्द कर दिया है. सीएम से मुलाकात करने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.