Skip to content
[adsforwp id="24637"]

झारखंड में मॉब लिंचिंग बिल मचा पर घमासान, राज्यपाल ने कहा 2 लोगों को भीड़ नहीं कह सकते mob lynching bill

Shah Ahmad

mob lynching bill: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने विधानसभा से पारित झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 की फाइल को आपत्ति के साथ राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है. राज्यपाल के अनुसार विधायक में भीड़ की परिभाषा सही नहीं दी गई है.

राज्यपाल ने जिस विधेयक को वापस राज्य सरकार को लौटा दिया है उसमें हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में भी अंतर को दर्शाने के लिए राज्यपाल ने कहा है. राज्यपाल द्वारा फाइल लौट आने के बाद विधानसभा से पारित झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 कानून फ़िलहाल फिर से अटक गया है. यह विधेयक 21 दिसंबर 2021 को विधानसभा में पारित हुआ था. जिसके बाद भाजपा के विधायकों ने इसे लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर विधेयक को पारित न करने के लिए आग्रह किया था जिसमें  बाबूलाल मरांडी, सीपी सिंह, रघुवर दास जैसे कई अन्य विधायक और नेता शामिल थे.

विधेयक के दो महत्वपूर्ण प्रावधान:

झारखंड विधानसभा से 21 दिसंबर 2021 को झारखंड में  घटित मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक को पारित कराकर राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था परंतु राज्यपाल ने फाइल को वापस लौटा दिया है. विधानसभा में पारित किए गए विधेयक में दो महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं.

  •  मौत की सजा के साथ जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की का प्रावधान है इसके अलावा 3 साल सजा से उम्र कैद तक की सजा माहौल बिगाड़ने पर भी 3 साल तक की कैद और जुर्माना लगेगा परिवार को मुआवजा देने व पीड़ितों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था भी की जाएगी.
  • शत्रुता पूर्ण वातावरण की परिभाषा में पीड़ित पीड़ित के परिवार के सदस्यों गवाह या पीड़ित को सहायता प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ धमकी या जबरदस्ती करना शामिल है  प्रोपेगोंडा फैलाने  और माहौल बिगाड़ने पर केस दर्ज की जाएगी.