Skip to content
DJLdSÀMX ¶F`ÔO ¶F³FF³FZ ½FF»FZ ¶FeAFBMXe IZY LFÂF A³FeIZY°F A·Fed³F°F d¸FßFF ½F A¸FSQe´F I¼Y¸FFS
Advertisement

BIT सिंदरी के तीन छात्रों ने बनाया कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का पता लगाने वाला बैंड

Shah Ahmad
DJLdSÀMX ¶F`ÔO ¶F³FF³FZ ½FF»FZ ¶FeAFBMXe IZY LFÂF A³FeIZY°F A·Fed³F°F d¸FßFF ½F A¸FSQe´F I¼Y¸FFS

सिंदरी स्थित बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के तीन छात्रों ने ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है जो कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का इतिहास सिर्फ पांच सेकेंड में सरकार तक पहुंचा सकता है। यह उपकरण संक्रमण रोकने में कारगर साबित हो सकता है। संक्रमित किन लोगों से मिला, अभी तक तकनीक के जरिए यह पता लगाना संभव नहीं हो सका है। ऐसे इंसान से पूछताछ के आधार पर ही उसके संपर्क में आए लोगों की खोज हो सकती है। मगर, महज 450 रुपये का यह रिस्ट बैंड कोरोना चेन तोडऩे में मददगार होगा।

Advertisement
Advertisement

उपकरण बनाने वाले अनिकेत कुमार, अभिनीत मिश्रा और अमरदीप कुमार ने बताया कि इसे बनाने में सिर्फ 500 रुपये लगे। बड़े स्तर पर बनाने में 450 रुपये खर्च होंगे। दावा है कि भारत सरकार सहयोग करे तो 22 दिन में संक्रमित 75 शहरों को कवर किया जा सकेगा। अनिकेत और अमरदीप मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके हैं, अभिनीत बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र हैं। सभी कोर ब्रांच के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स भी पढ़ रहे हैं। अनिकेत की टीम रोवोक्वॉड ने इसका नाम द विसिनिटी बैंड रखा है। विसिनिटी का मतलब है- पास, पड़ोसी या नजदीकी।

रिस्ट बैंड ब्लू टूथ और जीपीएस की सहायता से काम करता है। इसमें टू जी, थ्री जी या फोर जी सिम लगाते हैं। हर बैंड की एक आइडी होती है। इसे जिसे पहनाया जाएगा, उसका आधार लिंक इससे जुड़ा होगा। सामने वाले की सारी जानकारी इस बैंड को ऑपरेट करने वाले सेंट्रल सर्वर यानी क्लाउड में स्टोर रहेगी। मान लीजिए कि धनबाद में यह रिस्ट बैंड सभी को दे दिया गया। इस शहर के एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिलते हैं। वह कई लोगों से मिल चुका है। वह डेढ़ मीटर या उससे कम के दायरे में जिस-जिससे मिलेगा, उसका रिस्ट आइडी से सारा डाटा क्लाउड में स्टोर हो जाएगा। रिस्ट बैंड में थर्मल सेंसर लगा होगा जो तापमान के सहारे निर्धारित दायरे में ऑब्जेक्ट के आते ही उसे पहचान लेगा। विद्युत चुंबकीय तरंगों के जरिए क्लाउड सर्वर में सारी जानकारी जमा हो जाएगी।

बैंड उतारा तो स्थानीय प्रशासन को जाएगी सूचना

कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद ही इसे उतारा जा सकेगा। इससे पहले कलाई से उतारा या काटने की कोशिश की तो सिम के माध्यम से प्रशासन तक इसका संदेश चला जाएगा। हर बैंड की आइडी की जानकारी स्थानीय प्रशासन के पास होगी। इसे पहनकर स्नान व दिनचर्या के अन्य काम भी आसानी से कर सकते हैं।

कोरोना वायरस बहुत की संवेदनशील मुद्दा है। छात्रों ने बढिय़ा डिवाइस बनाई है। हालांकि इसका टेस्ट होना बाकी है। यह सफल होता है तो भविष्य में हर महामारी को रोका जा सकेगा।

via: DJ

Advertisement
BIT सिंदरी के तीन छात्रों ने बनाया कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का पता लगाने वाला बैंड 1