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विद्यालय में शौचालय, पानी का अभाव, विद्यालय में सुविधा नहीं होने से बच्चे परेशान, पढ़ाई हो रही बाधित

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाँधी जी के आदर्शो पर चलते हुए पुरे भारत में शौचालय निर्माण के लिए देने लगी ताकि एक स्वच्छ भारत का निर्माण हो सके. लेकिन झारखण्ड में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है.

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पूर्व में रघुवर दास की सरकार में ये दावा किया गया था की पुरे झारखण्ड में शौचालय का निर्माण करवा दिया गया है, लेकिन शौचालय निर्माण में बरती गयी अनियमिता भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसा ही एक मामला झारखण्ड की उपराजधानी दुमका की है जहाँ एक ऐसा विद्यालय है जहाँ न तो पीने के लिए पानी की कोई व्य्वस्था है और न ही शौचालय की कोई सुविधा है. विद्यार्थी पढाई कम और पानी की जुगाड़ में ज्यादा रहते है.

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मामला दुमका जिले के मसलिया प्रखंड स्थित उत्कर्मित मध्य विद्यालय सिमला में बच्चो को पीने के लिए पानी और शौच के लिए शौचालय की कोई व्य्वस्था नहीं है है, मध्यान भोजन बनने के लिए पानी दूर से भर कर लाना होता है. इस विद्यालय में कुल 110 विद्यार्थी है, इसी विद्यालय की रसोया का कहना है की विद्यालय में पिछले तीन महीने से गैस नहीं है इसलिए लकड़ी पर खाना बनाना पड़ता है. बच्चो को पानी के लिए तक़रीबन एक किलोमीटर तक जाना होता है.

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विभाग ने नया भवन तो बना दिया लेकिन वो इसमें पानी और शौचालय की व्य्वस्था करना भूल गयी. स्थानीय लोगो का कहना है की कई बार विभाग को इसकी जानकारी दी गयी है लेकिन कोई अमल नहीं हो रहा है. विभाग की इस लापरवाही की वजह से बच्चो की पढाई पर असर पड़ता है.