कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से अपने-अपने राज्य वापस लौट चुके प्रवासियों को राज्य में ही रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक योजना की शुरुआत की गयी है. जिसे गरीब कल्याण योजना नाम दिया गया है. फ़िलहाल इस योजना से 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासियों को रोजगार मिलेगा।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इन जिलों में सरकार की 25 योजनाओं के तहत चिह्नित जिलों में प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। जहां-जहां श्रमिकों के स्किल मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है वहां-वहां श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार काम दिया जाएगा ताकि उनकी रोजी-रोटी की स्थानीय स्तर पर ही व्यवस्था हो सके।
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पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के खगड़िया से इसका उद्घाटन करेंगे। गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत बिहार के 32, उत्तर प्रदेश के 31, मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22, ओडिशा के 4 और झारखंड के 3 जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों के प्रवासी मजदूरों को इस योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार को अनुमान है कि इन जिलों में लगभग 67 लाख प्रवासी मजदूर आए हैं।
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गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत हर जिले में कम से कम 25,000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। कम्युनिटी सैनिटाइजेशन कॉम्पलेक्स, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग के फंड के अंतर्गत आने वाले काम, नेशनल हाइवे वर्क्स, जल संरक्षण और सिंचाई, कुएं की खुदाई, पौधारोपण, हॉर्टिकल्चर, आंगनबाड़ी केंद्र रेलवे आदि के काम इस योजना के तहत कराए जाएंगे।
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हालाकिं राजनितिक जानकारों की माने तो कुछ ही महीनो में बिहार विधासभा का चुनाव होने वाला है. ऐसे में गरीब कल्याण योजना की शुरुआत बिहार से करना और सबसे अधिक जिले बिहार को देने में भी चुनाव को मुख्य वजह मन जा रहा है.