झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन जोरदार हंगाम हुआ है। यहां भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने पर जमकर हो-हल्ला और नारेबाजी की। पहले दिन ही टकराव के आसार की खबरों के बीच सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आ धमके। इस दौरान आसन की ओर से नियमों का हवाला देते हुए बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देने की जानकारी देने पर टकराव और बढ़ गया। भाजपा विधायक वेल में बैठे हैं। वे सदन में जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने नेता प्रतिपक्ष के मामले पर कानूनी राय-मशविरा किए जाने की बात पटल पर रखी।
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स्पीकर के भाषण के बीच शोरगुल होता रहा। भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग सत्र की शुरुआत से ही करते रहे। हंगामे के बीच सदन के पटल पर 1216.94 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। स्पीकर के बार-बार अनुरोध के बाद भी भाजपा विधायक अपनी सीट पर वापस जाने को तैयार नहीं हैं। हंगामे को बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथम हतो ने बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
नेता प्रतिपक्ष के मसले पर विपक्ष की भूमिका में आई भाजपा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जहां अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया, वहीं झामुमो-कांग्रेस विधायक भी अपने-अपने अंदाज में विपक्ष पर पलटवार करते दिखे। एक माह चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कुल 18 कार्य दिवस तय किए गए हैं। तीन मार्च को राज्य सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही है।
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बता दें कि इस बार के बजट सत्र में महागठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन की भी परीक्षा हो रही है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में ‘ना’ पक्ष में बैठने वाली भाजपा की भी। भाजपा सशक्त विपक्ष की भूमिका को निभाने की बात कह पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुकी है। वहीं टकराव की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष के रूप में बाबूलाल मरांडी को स्वीकार न किए जाने से ही हो गई है। भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता मनोनीत करते हुए विधानसभा सचिवालय को भी इसकी सूचना पूर्व में ही दे दी है और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपने का अनुरोध भी किया था।
शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ ही अन्य विधायी कार्य भी निपटाए गए। एक माह चलने वाले सत्र के दौरान तीन मार्च को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा होली के बाद होगी। वहीं, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्न काल में सीएम हेमंत सोरेन सदस्यों के नीतिगत सवालों का जवाब देंगे।
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वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी प्रस्तुत किया। रामेश्वर उरांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को भुवनेश्वर गए हैं।
बजट सत्र में मुख्यमंत्री के विभागों से जुड़े प्रश्नों का जवाब देंगे मंत्री:
बजट सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री के जिम्मे के विभागों से संबंधित प्रश्न, ध्यानाकर्षण आदि पर जवाब देने के लिए मंत्रियों को प्राधिकृत किया गया है।
आलमगीर आलम- गृह, कारा एवं आपदा, मंत्रिमंडल निर्वाचन, कार्मिक, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी तथा विधि।
जगरनाथ महतो- राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी।
बादल- खान एवं भूतत्व, पथ निर्माण व भवन निर्माण।
मिथलेश ठाकुर- जल संसाधान, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद-युवा कार्य, उद्योग, सूचना एवं जनसंपर्क।
चंपई सोरेन- वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, नगर विकास एवं आवास, ऊर्जा विभाग।
बजट सत्र की कार्यवाही:
28 फरवरी : शपथ या प्रतिज्ञान ग्रहण। वित्तीय वर्ष 2019-20 का तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन। शोक प्रकाश।
29 व 01 मार्च : बैठक नहीं होगी।
02 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल, तृतीय अनुपूरक पर वाद-विवाद, मतदान।
03 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक का उपस्थापन।
04 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद।
05 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद।
06 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
07 मार्च से 11 मार्च : बैठक नहीं होगी।
12 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
13 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
14 मार्च से 15 मार्च : बैठक नहीं होगी।
16 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
17 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
18 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
19 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
20 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
21-22 मार्च : बैठक नहीं होगी।
23 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
24 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।
25 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक के विनियोग विधेयक का उपस्थापन एवं पारण।
26 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य।
27 मार्च : बैठक नहीं होगी।
28 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य और गैर सरकारी सदस्यों के कार्य, गैर सरकारी संकल्प।