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कुलपति मुकुल नारायण देव ने संभाला विनोबा भावे विश्वविद्यालय का कार्यभार, कहा- ‘विश्वविद्यालय के हित में उठाउंगा हर कदम

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से इस साल सेवानिवृत होने वाले वैज्ञानिक डॉ मुकुल नारायण देव विभावि हजारीबाग के नए कुलपति नियुक्त हुए है. गुरुवार को उन्होंने अपना कार्यभार संभाला लिया है.

डॉ मुकुल देव नारायण वैज्ञानिक के रूप में अगस्त 1985 में मुंबई भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में पदस्थापित हुए थे। 31 जनवरी 2020 को सेवानिवृत्त हुए और 15 मार्च से अपने घर बड़कागांव के सांढ़ में रह रहे थे। बतौर कुलपति अपनी प्राथमिकताओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनुसंधान के क्षेत्र में विद्यार्थियों को जागरूक करना पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए कैसे वैज्ञानिक सोच विकसित की जा सकती है। इसपर काम करुंगा। यह मेरी जन्मभूमि है। शिक्षा यही हासिल की है। इसी क्षेत्र का रहने वाला हूं। मैं हमेशा कोशिश करूंगा कि इस क्षेत्र का शैक्षणिक विकास अव्वल हो। विश्वविद्यालय में योगदान देने के बाद मैं देखूंगा कि विश्वविद्यालय किस तकनीक से चल रही है। लॉकडाउन से प्रभावित पढ़ाई को लेकर बताया कि वैसे तो पढ़ाई ऑनलाइन तकनीकी द्वारा हो रही है। अभी तो समर वेकेशन चल रहा है। समर वेकेशन के बाद अगर लॉकडाउन जारी रहा तो कुछ अल्टरनेट व्यवस्था की जाएगी।

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उन्होंने बताया कि खेल का महत्व बढ़ गया है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न तरह के खिलाड़ी के रूप में उभरेंगे। मैं उन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करूंगा। उन्हें संसाधन उपलब्ध कराउंगा। इसके अलावा छात्र और शिक्षकों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने में सकारात्मक भूमिका निभाऊंगा। पढ़ाई के लिए रुचिकर वातावरण बनाए रखने में सकारात्मक भूमिका निभाऊंगा। बड़ी साफगोई से उन्होंने कहा गांव का बेटा हूं पिताजी का किसानी से सरोकार रहा। पिजाती कोल इंडिया में भी सेवारत रहे। वे स्वयं शिक्षा जगत से जुड़कर अपने सारे अनुभव व विश्वविद्यालय की सामूहिक प्रयास से विकास के मार्ग को प्रशस्त करेंगे।

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डॉ मुकल नारायण देव देश के जाने माने वैज्ञानिक हैं। स्वभाव से स्वामी और व्यवहार से मृदुभाषी डॉ देव की पहचान राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक के रूप में सर्वमान्य है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पहली बार कोई व्यक्ति हजारीबाग जिले के निवासी के रूप में कुलपति के पद पर चयनित हुए हैं। वे अमेरिका जापान इटली फ्रांस जर्मनी ताइवान समेत कई देशों का भ्रमण कर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में व्याख्यान दे चुके हैं। भारत में वर्ष 2018 में जब अंतरराष्ट्रीय सेमिनार हुआ था उसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी, जिसमें 25 देशों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर उनके लगभग 97 पेपर का प्रकाशन हो चुका है। इसमें अगर अंतरराष्ट्रीय पेपरों को भी शामिल कर दिया जाए तो इसकी संख्या 170 के आस-पास हो जाएगी।

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डॉ मुकुल नारायण देव की शैक्षणिक योग्यता एवम परिचय:

  • पिता- स्वर्गीय रामलाल महतो सांढ बड़कागांव हजारीबाग
  • मैट्रिक- हाईस्कूल भुरकुंडा 1977, इंटर- संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग 1979, बीएससी -संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग 1981,
  • एमएससी -बनारस हिदू विश्वविद्यालय 1981-84, पीएचडी मुंबई
  • शुरू से लेकर अंत तक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण

कार्यक्षेत्र- अगस्त 1985 से जनवरी 2020 तक भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में एटॉमिक एंड मोली कुलर फिजिक्स डिविजन के सीनियर वैज्ञानिक के पद पर रहकर 34 वर्ष तक देश की सेवा की।