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शहरी जलापूर्ति व्यवस्था के संचालन में फंड की कमी बाधक बन रहा है। करीब नौ माह से जलापूर्ति के लिए राशि नहीं मिली है। नगर निकाय जाकर वसूली तो कर रहा, लेकिन संचालन विभाग पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को राशि नहीं मिल पा रही है। लिहाजा आए दिन संविदा कर्मियों की मानदेय के कारण हड़ताल से व्यवस्था प्रभावित है। इधर, विभागीय स्तर से भी ग्रामीण जलापूर्ति की तर्ज पर शहरी जलापूर्ति का संचालन नगर निकाय को सौंपने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन नगर निकाय संचालन से हाथ खड़ा कर रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले जलापूर्ति सिस्टम को नगर निकाय को हस्तांतरित करने का मामला जोर पकड़ा था, लेकिन नगर पर्षद द्वारा असमर्थता जाहिर किए जाने के कारण पेयजल विभाग ही संचालन कर रहा है।
विभागीय स्तर से जलापूर्ति व्यवस्था के संचालन के लिए करीब 52 लाख रुपये की स्वीकृति भी दी गई, लेकिन राशि नहीं मिलने से समस्या बढ़ती जा रही है। पीएचईडी ने नगर निकाय से आगे संचालन के लिए अविलंब 20 लाख रुपये की मांग की गई है। नगर पंचायत ने जलापूर्ति के लिए 10 लाख रुपया दिया है। इससे वहां की स्थिति में सुधार आया है। विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार राशि के अभाव में शहरी जलापूर्ति का संचालन प्रभावित हो रहा है। विभाग स्तर से राशि की स्वीकृति दी गई है, लेकिन राशि नहीं मिली है। बताया कि कई बार पत्राचार कर नगर निकाय को योजना संचालन के लिए कहा गया है, लेकिन हस्तांतरण के लिए तैयार नहीं है। जबकि देवघर, लोहरदग्गा, खूंटी, दुमका, गिरीडीह आदि कई शहरी निकायों द्वारा जलापूर्ति योजना का संचालन किया जा रहा है।
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विवादों के कारण बेकोबार जलापूर्ति व्यवस्था तीन माह से ठप है। ग्रामीणों में आपसी समन्वय की कमी योजना के संचालन में बाधक बन रही है। ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा वर्ष 2015 से योजना का संचालन हो रहा था। लेकिन फिलहाल योजना ठप है। मामला सीएम जनसंवाद से डीसी न्यायालय तक पहुंच गया है। विवादों के कारण जल सहिया भी इस्तीफा दे चुकी हैं। पिछले कई माह से जलकर की वसूली भी बंद कर दिया गया है। कुछ माह पूर्व भी जलापूर्ति व्यवस्था में ग्रामीणों के बीच आपसी विवाद सामने आया था। बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला सलटा फिर तीन माह बाद स्थिति वही बन गई है। पेयजलापूर्ति व्यवस्था के संचालन में जनप्रतिनिधियों के बीच का विवाद सामने आ रहा है। कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार ग्रामीणों के बीच आपसी समन्वय की कमी के कारण समस्या आ रही है। गांव के वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखा रहे है। कई समितियां कर रहीं हैं सफलतापूर्वक संचालन
कोडरमा में कई जलापूर्ति योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन स्थानीय ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा किया जा रहा है। इसमें मरकच्चो, बड़कीधमराय, चाराडीह, चंदवारा, उरवां, परसाबाद, जयनगर, सतगांवां का बेहतर ढंग से संचालन किया जा रहा है। यहां तक की आवश्यक मरम्मति भी जल कर की राशि से की जा रही है।