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जब रेपिस्टों को जेल से निकाल कर माला पहनाया जाएगा, तब ऐसे ही मुस्कुराता चेहरा समाज को चिढ़ाता हुआ मिलेगा!

दुमका: झारखंड के दुमका की बेटी अंकिता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। शाहरुख नामक एक मनचले ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं छात्रा अंकिता करीब 17 साल की नाबालिग को खिड़की से पेट्रोल डाल कर जिंदा जला दिया था जिसके बाद इलाज के दौरान अंकिता की मौत हो गई. इस हादसे के ठीक बाद आरोपी शाहरुख को मृतका का बयान लेकर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, पर मनचले की हरकत देख खुद पुलिस वाले भी दंग रह गए.
जेल ले जाने के क्रम में वह मुस्कुराता रहा. ऐसे हैवानियत का कार्य करके भी वो शर्मिंदा होने के बजाए उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा समाज पर परिहास के समान लग रहा था. बताते चलें कि आए दिन बलात्कारियों को जेल से रिहा होने पर तथाकथित समाज संगठन के लोग माला पहनाकर स्वागत करने की खबर मिलते होंगे यह उसी का एक परिणाम है जो उसके मुस्कुराते हुए चेहरे पर दिखाई पड़ रहा है.

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Image: अंकिता

हाल ही में बिलकिस बानो मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा रिहा करने की अनुमति दिये जाने के बाद 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था. वे 15 साल से अधिक समय से जेल में थे. कुछ खबरों में दावा किया गया है स्थानीय नेताओं ने रिहाई के बाद दोषियों का सत्कार व बनाया गया था.

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फोटो – बिलिकिस बनो


बता दें कि हत्या के समय बिलकिस बानो गर्भवती थी, बिलकिस बानो गुजरात के गोधरा में 2002 में एक ट्रेन को आग के हवाले किये जाने के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसके अलावा उनकी तीन साल की बच्ची समेत परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी. अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार के समय बिलकिस बानो पांच महीने की गर्भवती थीं

एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने”सामना” आलेख में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करनी और कथनी में बहुत अंतर है और आश्चर्य की बात है कि दोषियों को उस वक्त रिहा किया गया, जब प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण की बात कही थी. आलेख में सवाल किया गया है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुप क्यों हैं?

क्या बलात्कारियों का सत्कार करना हिंदू संस्कृति है?शिवसेना ने सवाल किया, ‘क्या बलात्कारियों का सत्कार करना हिंदू संस्कृति है?’ आलेख में कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि बिलकिस बानो मुस्लिम हैं, उनके साथ हुए अपराध को माफ नहीं किया जा सकता.

शिवसेना ने कहा, ‘यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है, बल्कि हिंदुत्व की आत्मा और हमारी महान संस्कृति की प्रतिष्ठा का मामला है.’ आलेख में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री जब गुजरात का दौरा करें, तो उन्हें उनसे (बिल्कीस बानो) मिलना चाहिए और अपना समर्थन देना चाहिए.’ देश भर के कई संगठनों ने बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को रिहा किए जाने का विरोध किया है.


अब ऐसे हालात में देश की जनता को तय करना होगा कि बलात्कारियों को जब जेल से इस तरह से रिहा किया जाता है तो समाज के कुछ तथाकथित संगठनों द्वारा माला पहनाकर स्वागत करना उचित है या अनुचित है.