मर्शियल माइनिंग के विरोध में 2 जुलाई से कोयला उद्योग में हड़ताल की चेतावनी दी गई है। कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग को बढ़ावा, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने इत्यादि के खिलाफ प्रस्तावित हड़ताल के लिए 18 जून को कोल इंडिया की तमान अनुषंगी इकाई के मुख्यालय पर नोटिस दिया जाएगा।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने कमर्शियल माइनिंग की इजाजत दी है। इसका कोयला उद्योग में सक्रिय मजदूर संगठन विरोध कर रहे हैं। मजदूर संगठनों का मानना है कि कमर्शियल माइनिंग के बहाने कोयला उद्योग का निरीजकरण किया जा रह है।
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बीएमएस, एचएमएस, एटक, इंटक, सीटू यूनियन की बैठक जूम एप के जरिए बीते 15 जून को अलग- अलग कम्पनियों में भी संपन्न हुई। बैठक में 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। हड़ताल को सफल बनाने हेतु पिट मीटिंग, नारेबाजी, सभी खदानों में सभी पालियो में की जाएगी| हड़ताल के समर्थन में दीवाल लेखन भी किया जायेगा | 18 जून 2020 को कम्पनी मुख्यालय में पांचो यूनियन के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में हड़ताल नोटिस दिया जायेगा।
बीएमएस, एचएमएस, एटक, इंटक, सीटू यूनियन के शीर्ष नेताओं ने कोयला मजदूरों से भी आहवान किया है कि 18 जून को मुख्यालय पर स्ट्राइक नोटिस देने वक्त बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें एवं कोल इंडिया को बचाने के लिए 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाएं।