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साल 2030 तक भारत में 68 लाख बेटियों का जन्म से पहले ही हो जाएगी मौत, जानिए क्यूँ होगा ऐसा

shahahmadtnk
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भारत में लिंग अनुपात को संतुलित करने को लेकर सरकार के द्वारा कई कार्यक्रम चलाये जाते है. बावजूद इसके भारत में महिलाओ कि तुलना में पुरुषों कि संख्या अधिक है. लिंग अनुपात कम होने कि वजह से कई तरह कि समस्याएं उत्पन्न होती है.

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एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत में साल 2017-2030 के अन्दर 68 लाख बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जायेगा. सऊदी अरब कि किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा जारी एक आकलन में यह दावा किया गया है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अब लगभग सभी बच्चो के जन्म लेने से पहले उसकी लिंग जाँच करवाते है और संतुष्ट होने पर ही बच्चे को जन्म लेने दिया जाता है. अगर बच्चे के माता-पिता संतुष्ट नहीं होते है तो गर्भ में ही उन्हें मार दिया जाता है.

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वर्ष 1994 में भारत में एक कानून बनाया गया जिसमे कहा गया कि गर्भ में पलने वाले बच्चे कि जन्म से पहले लिंग जाँच करवाना जुर्म माना जायेगा और सजा का भी दी जाएगी. भारत के ज्यादातर इलाको में लिंग अनुपात ठीक होता नगर नहीं आ रहा है. देश में प्रति एक हज़ार पुरुष पर 900-930 महिलाएं है. भारत के 17 ऐसे राज्य है जहाँ बेटियों कि तुलना में बेटे कि चाहत सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट जारी करने वालो ने साफ़ शब्दों में कहा कि इस स्थिति से निपटने और लैंगिक बराबरी के लिए भारत को अब भी एक कठोर कानून कि जरुरत है.

देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक उतरप्रदेश के बार में रिपोर्ट ने कहा कि देश भर में 68 लाख बेटियों कि मौत में से 20 लाख अकेले सिर्फ यूपी में होने कि उम्मीद है. रिसर्च करने वालो ने कहा कि यह रिपोर्ट आबादी के फर्टिलिटी रेट और बेटे या बेटी कि चाहत करने वालो के आधार पर तैयार कि गई है.

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