बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. कांग्रेस को 70 सीट मिली थी लेकिन 20 से भी कम सीट लाने की वजह से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते-बनते रह गई. जिसके बाद से लगातार कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ही अपने केंद्रीय नेतृत्वा पर सवाल खड़े कर रहे है. कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था की “राहुल गाँधी डेढ़ साल पहले ही इस बात को कह चुके है की गाँधी परिवार से कोई भी व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर काबिज हो साथ ही वे खुद अध्यक्ष नहीं बनना चाहते है. लेकिन आखिर ऐसी क्या मज़बूरी है की पार्टी डेढ़ साल से अपने अध्यक्ष के बिना है. कार्यकर्त्ता अगर अपनी शिकायत ले कर जाना चाहे तो किसके पास जायेगा। आगे सिब्बल ने कहा की अगस्त महीने में हमने पार्टी को एक पत्र लिखा था लेकिन उसका जवाब नहीं मिल पाया”
कपिल सिब्बल के बाद अब कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी के संगठन पर सवाल खड़े किये है. गुलाम नबी आज़ाद ने कहा- पार्टी का निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से संपर्क टूट चूका है. पार्टी में कई ऐसे लोग है जिन्हे कोई पद मिलता है तो वे लैटर पैड छपवा लेता है और विजिटिंग कार्ड बनवा लेता है जिसके बाद वह सोचता है की उसका काम खत्म हो गया लेकिन सच्चाई यह है की उस वक्त से ही असली काम शुरू होता है. निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से जब तक संपर्क ठीक नहीं होगा पार्टी को एक बार फिर मजबूत करना बेईमानी होगी।