आधुनिक भारत के इस दौर में महिला एवं पुरुषों के बीच भेदभाव को समाप्त करने के लिए लगभग स्थानों पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व का मौका दिया जा रहा है. महिलाएं अब पुरुषों के समान ही हवाई जहाज उड़ा रही हैं. ऐसे ही एयर इंडिया की 4 महिला पायलटों ने इतिहास रचा है.
एयर इंडिया की 4 महिला पायलटों ने इतिहास रचते हुए नॉर्थ पोल के ऊपर से फ्लाइट को उड़ाते हुए 16,000 किलोमीटर का सफर तय कर सैन फ्रांसिस्को से विमान उड़ाते हुए 11 जनवरी को भारत पहुंची है. इस विमान का नेतृत्व कैप्टन जोया अग्रवाल कर रही थी. उनके साथ अन्य तीन महिला पायलट मौजूद थी. जिनमें कैप्टन पापागिरी थांमयी, कैप्टन आकांक्षा सांवरे और कैप्टन शिवानी मनहर थी.
इन चारों महिला पायलटों ने नॉनस्टॉप 17 घंटे की लंबी दूरी तय कर नया इतिहास कर दिया है. दरअसल, यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरना काफी तकनीकी माना जाता है. और इसके लिए काफी स्किल और अनुभव की जरूरत होती है. एयर इंडिया के पायलटों के द्वारा पहले भी पोलर रूट से उड़ान भरा गया है. लेकिन यह पहली बार है जब महिला पायलट की टीम नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरकर भारत पहुंची है. बेंगलुरु एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद महिला पायलटों का ग्रैंड वेलकम किया गया. एयर इंडिया ने महिला पायलटों की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा “वेलकम होम हम इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए एयर इंडिया-176 के पैसेंजर्स का भी शुक्रिया करते हैं.”
लैंड होने के बाद कैप्टन जोया अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि “आज हमने ना केवल नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरकर इतिहास रचा है. बल्कि सभी महिला पायलटों ने सफलतापूर्वक ऐसा कर इतिहास रचा है. हम सभी इसका हिस्सा बनकर खुश हैं. इस रूट से 10 टन फ्यूल की बचत हुई है.” महिला पायलटों के सुरक्षित भारत पहुंचने पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी महिला पायलटों को बधाई दी है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा “जश्न मनाने का छन है. भारत की महिला पायलटों ने इतिहास रचा कैप्टन जोया अग्रवाल सहित उनकी टीम ने नार्थ पोल के ऊपर से गुजरते हुए सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु लैंड करने के लिए बधाई दी है.”