

Delhi Blast : Delhi Blast मामले में सुरक्षा एजेंसियों की जांच अब अहम मोड़ पर पहुंच गई है। ताजा जानकारी के अनुसार, इस हमले को अंजाम देने वाला आतंकी डॉक्टर मोहम्मद उमर, जो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, लंबे समय से एजेंसियों के रडार पर था। एजेंसियों की सख्त निगरानी और गिरफ्तारी के डर से उमर ने जल्दबाजी में धमाका करने की योजना बनाई। सूत्रों के अनुसार, उमर ने अकेले कार में सवार होकर धमाका किया। बताया जा रहा है कि उसने अपने सहयोगियों की मदद से डेटोनेटर लगाकर दिल्ली में वारदात को अंजाम दिया। जांच एजेंसियों को घटनास्थल से कई अहम सबूत मिले हैं, जिनमें धमाके से पहले के CCTV फुटेज भी शामिल हैं, जिनमें एक शख्स को काले मास्क में कार की ओर जाते देखा गया है। फिलहाल पुलिस कार में मिले शव का DNA टेस्ट कराने की तैयारी में है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मृत व्यक्ति डॉक्टर उमर ही था या नहीं।
मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 कार बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल हुई थी और लाल किले के पास सुनहरी मस्जिद के निकट लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही। इस दौरान कार के आसपास कोई गतिविधि नज़र नहीं आई, लेकिन शाम 6:48 बजे के करीब कार लाल किले मेट्रो स्टेशन गेट नंबर 1 के पास पहुंची और कुछ ही मिनटों बाद जोरदार धमाका हुआ। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलते हैं कि उमर ने एजेंसियों की बढ़ती कार्रवाई से बचने के लिए जल्दबाजी में बिना पूर्ण तैयारी के हमला किया। सुरक्षा एजेंसियां अब ब्लास्ट में शामिल संभावित नेटवर्क की तलाश कर रही हैं और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। इस घटना ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।









