कई लोग हैं जो ईद के शब्द से वाकिफ नहीं है साल भर में 3 ईद आते हैं पहली ईद उल फितर जो कि रमजान के महीने में रोजे के बाद शव्वल की 1 तारीख को मनाई जाती है इसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है इसी दिन खीर सेवई और मीठी चीजें खिलाई जाती है इसके बाद दूसरी ईद इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने की दसवीं तारीख को ईद उल अजहा के रूप में मनाया जाता है जिसे हम बकरीद के भी नाम से जानते हैं इसी दिन हज भी अदा किया जाता है इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने में मिलादुन्नबी मनाया जाता है.
ईद मिलादुन्नबी के दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब के द्वारा दी गई सीख को पढ़ा जाता है और हजरत मोहम्मद को याद किया जाता है मोहम्मद हजरत साहब के द्वारा की गई सभी कार्यों को याद किया जाता है साथ ही इस मौके पर नियाज और साथिया का भी आयोजन होता है बच्चों को मोहम्मद साहब के द्वारा दी गई तालीम के बारे में समझाया जाता है साथ ही ईद मिलाद उन नबी के रात में मस्जिदों और घरों में लोग पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में दुआएं करते हैं