देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर जारी है, कोयला उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत, कच्चा तेल उत्पादन 5.1 प्रतिशत गिर गया है। खेती और बिजली उत्पादन में भी करीब 50 फ़ीसदी की गिरावट हुई, बता दे कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5% रही जो कि बीते 6 सालों से सबसे कम है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है की अर्थव्यवस्था में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई गिरावट का माना जा रहा है, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अलावा कृषि मत्स्य पालन इलेक्ट्रिसिटी सर्विस सेक्टर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है, हाल ही में झारखंड के कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बंद कर दिया गया।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गिरावट का असर रोजगार के अवसर कम होने के रूप में दिखाई दे रहा है। लोगों की औसत आय में भी कमी आएगी और राजस्व भी घटेगा संभावना है कि इस मंदी के हालात से निपटने के लिए आरबीआई अपनी रेपो रेट में किससे कमी कर सकता है इसके साथ ही सरकार पांच पीएसयू कंपनियों में विनिवेश से 75,500 करोड रुपए जुट आएगी।