

Hool Diwas: हूल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, ने संताल की लिपि ओलचिकी में भी बधाई संदेश दिए। ओलचिकी लिपि में दिए संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लिखा कि हूल दिवस पर संताल विद्रोह के अमर बलिदानियों सिदो-कान्हू, चांद-भैरव तथा फूलो-झानो समेत सभी वीर- वीरांगनाओं को मैं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करत हूं। जनजातीय समाज की अस्मिता, स्वाभिमान और स्वशासन के उद्देश्य से उन्होंने अन्याय व शोषण के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया। उन सभी जनजातीय भाई-बहनों की शौर्य गाथाएं, भावी पीढ़ियों को सदैव मातृभूमि की सेवा करने के लिए प्रेरित करती रहेंगी। हूल दिवस’ पर राष्ट्रपति ने लिखा है कि अमर बलिदानियों ने जनजातीय समाज की अस्मिता, स्वाभिमान और स्वशासन के उद्देश्य से अन्याय व शोषण के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया। जनजातीय भाई- बहनों की शौर्य गाथाएं, भावी पीढ़ियों को सदैव मातृभूमि की सेवा करने के लिए प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही कहा कि ‘हूल दिवस’ पर संथाल विद्रोह के अमर बलिदानियों सिदो-कान्हू, चांद- भैरव तथा फूलो-झानो समेत सभी वीर-वीरांगनाओं को मैं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
ᱦᱩᱞ ᱢᱟᱦᱟᱸᱨᱮ ᱥᱟᱱᱛᱟᱲ ᱦᱩᱞ ᱨᱮᱱ ᱳᱢᱳᱨ ᱡᱤᱣᱤ ᱟᱞᱟᱭ ᱛᱮᱱ ᱠᱚ ᱥᱤᱫᱚ-ᱠᱟ.ᱱᱦᱩ, ᱪᱟᱸᱫᱽᱼᱵᱷᱟᱭᱨᱚ ᱟᱨ ᱯᱷᱩᱞᱚ ᱡᱷᱟᱱᱚ ᱥᱟᱶᱛᱮ ᱥᱟᱱᱟᱢ ᱵᱤᱨ ᱵᱟᱱᱴᱟ ᱠᱚ ᱜᱚᱰ ᱡᱚᱦᱟᱨ ᱛᱩᱞᱩᱡ ᱢᱟ.ᱱ ᱢᱟᱱᱚᱛᱤᱧ ᱪᱟᱞ ᱟᱠᱚ…
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 30, 2023
हूल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संताल की लिपि ओलचिकी में भी बधाई संदेश दिए। ओलचिकी लिपि में दिए संदेश में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा कि फूल क्रांति के महानायक अमर वीर शहीद सिद्धू -कान्हो ,चांद -भैरव और फूलों- झानो समेत अमर वीर शहीदों को शत शत नमन !हुल जोहार! झारखंड के वीर शहीद अमर रहे। जय झारखंड। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सदैव से ही वीरों और शहीदों की धरती रही है. हमारे पुरखों और पूर्वजों ने एक तरफ शोषण और जुल्म के खिलाफ लंबा संघर्ष किया. वहीं ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उलगुलान. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, चांद भैरव फूलो – झानो, तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर जैसे हजारों वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. हमें अपने इन वीर शहीदों पर गर्व है. आने वाली पीढ़ी को इनकी वीरगाथाओं से अवगत कराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हर वर्ग और हर तबके की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं चलाई जा रही हैं. जरूरत है कि आप आगे बढ़ें, आपको सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कार्य उपलब्ध कराएगी. हर व्यक्ति स्वावलंबी और सक्षम बने, यह हमारा संकल्प है.मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपकी सरकार है. आपके मान- सम्मान की रक्षा के साथ आपको अपना हक और अधिकार मिले, इसके लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना, कृषि ऋण माफी योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना जैसी कई योजनाएं सरकार चला रही हैं. इन योजनाओं से आप जुड़ें और अपने को सशक्त बनाएं. संताल हूल को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। संथाल हूल ही आजादी की पहली लड़ाई थी। चारों भाइयों सिदो, कान्हू, चांद और भैरव के साथ फूलो और झानो ने अंग्रेजों और महाजनों से जमकर लोहा लिया। रानी लक्ष्मीबाई से काफी पहले इन्होंने आजादी की ज्वाला जलाई थी। फूलो-झानो को इतिहास में शायद ही लोग जानते हैं।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही है कि संताल हूल को इतिहास में स्थान नहीं मिला । हेमंत सोरेन ने पांच साल पहले दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि सिदो-कान्हू सहित अन्य सपूतों ने 1855 में ही अंग्रेजों से लड़ाई की थी। उस समय के इतिहासकारों ने सिदो-कान्हू की कुर्बानी को जगह नहीं दी। इसीलिए 1857 के विद्रोह को आजादी की पहली लड़ाई माना गया है।
हूल क्रांति के महानायक अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 30, 2023
हूल जोहार!
झारखण्ड के वीर शहीद अमर रहें!
जय झारखण्ड!
ᱦᱩᱞ ᱢᱟᱦᱟ ᱨᱤᱱ ᱦᱩᱞᱜᱟ.ᱨᱭᱟ. ᱵᱤᱨ ᱵᱟᱱᱴᱷᱟ ᱵᱚᱸᱜᱟ ᱴᱟᱞᱟ ᱟᱠᱟᱱ ᱥᱤᱫᱚ ᱠᱟᱱᱦᱩ ,…









