आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 4.5% पर आंकी गई है, जिसे संशोधित कर 5.2% कर दिया गया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7% दर्ज की गई। सरकार ने पिछली जुलाई-सितंबर तिमाही के विकास के अनुमान को संशोधित कर 4.5% से 5.2% कर दिया है।
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निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पहले दिसंबर 2019 में बढ़कर 52.7 हो गया था, जो मई 2019 के बाद सबसे अधिक था। इसके अलावा, लगभग एक लाख करोड़ रुपये की राशि को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) संग्रह के रूप में दिसंबर में लगातार दूसरे महीने के लिए एकत्र किया गया था। । ऑटो कंपनियों जैसे कि मारुति सुजुकी ने भी घरेलू कार की बिक्री में वृद्धि दर्ज की। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमीज (सीएमआईई) कैपेक्स डेटाबेस ने दिखाया कि नई निवेश घोषणाओं ने दिसंबर 2018 में पहली तिमाही में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
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आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी दिसंबर की बैठक में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी में वृद्धि बढ़ने की उम्मीद की थी। एमपीसी ने पिछले साल अप्रैल से सितंबर के बीच 4.8% की तुलना में 4.9% -5.5% की सीमा में जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था।