कहा जा रहा है कि परिणीति चोपड़ा को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ ट्वीट करने के बाद बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के चेहरे के रूप में से हटा दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, परिणीति, जो हरियाणा सरकार के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ की ब्रांड एंबेसडर थीं, उनको पद से हटा दिया गया है।
परिणीति ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘अगर नागरिकों द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हर बार यही होता रहे तो कैब (Citizenship Amendment Bill) को भूल जाइये। हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतांत्रिक देश कहना छोड़ देना चाहिए। अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष लोगों की पिटाई की जा रही है? बर्बर है।’
प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेंद्र मलिक ने कहा कि परिणीति हमारी ब्रांड अंबेसडर नहीं हैं।’ इसके साथ एक और यूजर ने लिखा, ‘हरियाणा सरकार ने परिणीति चोपड़ा को बेटी बचाओ प्रोजेक्ट के ब्रांड अंबेसडर के रूप में हटा दिया है, क्योंकि उन्होंने हिंसक प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ट्वीट किया था।’
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘खट्टर साहब हरियाणा की बेटियां पढ़ी लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार व्यक्त करने का साहस रखने वाली भी। उन्हें ब्रांड अंबेसडर से हटा कर और बौखला कर आप उनकी आवाज नहीं दबा सकते। और जजपा चुप क्यों है? कितनों की आवाज दबाओगे और आखिर कब तक?’